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अनेकान्तवाद : एक दार्शनिक विश्लेषण
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वंशानुक्रम का ही प्रभाव नहीं होता, अपितु वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। जैसे जो जापानी और यहूदी अमेरिका में अनेक पीढ़ियों से रह रहे हैं, उनकी लम्बाई भौगोलिक वातावरण के कारण बढ़ गयी है। उचित सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण न मिलने पर मानसिक विकास की गति अन्य बच्चों की अपेक्षा धीमी पायी गयी। जिन बच्चों को पर्याप्त सुविधायें प्राप्त नहीं हो पाती हैं, वे बौद्धिकता में पिछड़ जाते हैं। उदाहरणार्थ- नीग्रो प्रजाति की बुद्धि का स्तर इसलिए निम्न है; क्योंकि उनको अमेरिका की श्वेत प्रजाति के समान शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण उपलब्ध नहीं है।
जिन बालकों को निम्न वातावरण से हटाकर उत्तम वातावरण में रखा जाता है, उन सबकी, बुद्धि लब्धि में वृद्धि हो जाती है। समाज कल्याण केन्द्रों में अनाथ और परावलम्बी बच्चे आते हैं। वे साधारण: निम्न परिवारों के होते हैं, पर केन्द्रों में उनका अच्छी तरह से पालन किया जाता है, अत: वे अपने माता-पिता से अच्छे सिद्ध होते हैं। न्यूमैन, फ्रीमैन और होलजिंगर ने २० जोड़े जड़वाँ बच्चों को अलग-अलग वातावरण में रखकर उनका अध्ययन किया । उन्होंने एक जोड़े के एक बच्चे को गाँव के फार्म पर और दूसरे को नगर में रखा। बड़े होने पर दोनों बच्चों में पर्याप्त अन्तर आ गया। फार्म का बच्चा अशिष्ट, चिन्ताग्रस्त और कम बुद्धिमान था। उसके विपरीत नगर का बच्चा शिष्ट, चिन्तामुक्त और अधिक बुद्धिमान था।
वंशानुक्रम को ही महत्त्व देने वाला वातावरण को नकारने की चेष्टा करता है और वातावरण को ही महत्त्व देने वाला एकान्ती वंशानुक्रम को नकारने की चेष्टा करता है। अनेकान्ती की दृष्टि में वातावरण महत्त्वपूर्ण है या वंशानुक्रम, यह प्रश्न ही बेतुका है। यह प्रश्न पूछना यह पूछने के समान है कि मोटरकार के लिए इंजन अधिक महत्त्वपूर्ण है या पेट्रोल। जिस प्रकार मोटरकार के लिए इंजन और पेट्रोल का समान महत्त्व है, उसी प्रकार बालक के विकास में वंशानुक्रम और वातावरण का समान महत्त्व है; क्योंकि बालक को जो मूल प्रवृत्तियाँ वंशानुक्रम से प्राप्त होती हैं, उनका विकास वातावरण में होता है। मूल प्रवृत्तियां एक ही प्रकार से सहायक न होकर अनेक प्रकार से सहायक होती हैं। जैसे -
१. प्रेरणा देने में सहायता २. रुचि व समझ जानने में सहायता ३. ज्ञान प्राप्ति में सहायता ४. रचनात्मक कार्यों में सहायता ५. व्यवहार परिवर्तन में सहायता ६. चरित्र निर्माण में सहायता
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