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Multi-dimensional Application of Anekāntavāda
सभी रिश्ते परस्पर प्यार को बढ़ाने के लिए होते हैं। सोच लीजिए-घर में एक स्त्री है, वह अपने माता-पिता के लिए पत्री है, अपने भाई के लिए बहन है। अपने पति के लिए पत्नी है। अपने बच्चों के लिए माँ है। अपने देवर के लिए भाभी है। अपने स्कूल के बच्चों के 'टीचर' (अध्यापिका) है। अपने पड़ोसी लोगों के लिए ‘पड़ोसन' है। सहकारी संघ के सदस्यों के लिए वह सहकारी संघ की 'प्रेसिडेंट' (अध्यक्ष) है। वही महिला-समाज (लेडीज क्लब) में जाती है तो कार्यदर्शी है। रेडियो के सामने बैठती है तो वह श्रोता है। दूरदर्शन' (टेलिविजन) के समक्ष पर प्रेक्षक है। चुनाव के समय में वह मतदाता है।
वह इतने सारे संबंधों को भी निभाती है। माता, पुत्री, बहिन, भाभी, पत्नीइत्यादि अनेकों रूप हैं-एक ही स्त्री के । इन अनेक रूपों में कौन सा रूप सच्चा है? सब के सब। अनेकों के बीच में समन्वय के साथ जीना ही जीवन है जो अनेकान्तवाद का अभीष्ट है। अनेकान्तवाद-प्रकृति के रंगों में
प्रात:काल में जब हम अपने विस्तर से उठते हैं- तो देखते हैं कि आकाश का मुख मंडल कितना सुन्दर है । पूरब से पश्चिम तक सर्वत्र सोने की वर्षा है आसमान के आंगन में किसी ने रंगों की होली खेली है।
दोपहर के होते ही सर्वत्र सर्य की तीक्ष्ण रश्मियाँ प्रसरित होती हैं। सौर-शक्ति आजकल कभी न कम होने वाली ऊर्जा का भंडार है। सिलिकान बैटरियों में सौर-ऊर्जा को भरकर अन्य उपयोगों के लिए ‘स्टाफरूम' जैसे सुरक्षित रख सकते हैं। जिससे दीप जला सकते हैं, पंप चला सकते है, पंखे व एयरकंडिशनर चालू रख सकते हैं, सड़कों पर मोटर-कार चला सकते हैं। रेडियों व टेलिविजन ट्यून कर सकते हैं।
वास्तव में आकाश का जलता हआ-सरज भी हमारे लिए 'अनेकान्तवाद' का एक ज्वलंत उदाहरण है। जैसे-जैसे दिन ढलने लगता है, शाम होती है-फिर आसमान देखिए। वहाँ फिर से प्रात: काल के रंग बिरंगे नवरस के नृत्य का प्रदर्शन! आकर्षक मनोल्लासकारी अद्भुत मनोरंजन का कार्यक्रम।
थोड़ी देर के बाद रात होती है और दसों दिशाओं में अंधकार छा जाता है। नीले आसमान में नक्षत्रों का कार्य शुरू होता है। विभिन्न नक्षत्र ग्रह-तारे चमकने लगते हैं तो उस आसमानी सौंदर्य को देखते ही बनता है।
प्रात: काल से रात तक आकाश के अनेकों रूप हैं? इन में से असली रूप कौन सा है। यह बताना सरल कार्य नहीं है। क्योंकि आकाश के सभी रूप उस निश्चित काल में सत्य ही हैं, वह परिवर्तनशील है।
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