________________ 94 Homage to Vaisali भूदान में सहयोग - आचार्य बिनोबाजी की मौजूदमी ने सारे देश का ध्यान अनी बिहार की ओर खींच है। मालूम होता है कि वे पुराने और नये अहिंसा के संदेश को लेकर बिहार में बंधाली की धर्मभावना को मूर्त कर रहे हैं। पिहार के निवासी स्वभाव से सरल पाए गए हैं / भूदानयज्ञ तो अहिंसा भावना की एक प्रतीक मात्र है। सच्चे अर्थ में उसके साथ कई बातें अनिवार्य रूप से जुड़ी हुई हैं जिसके बिना नवभारत का निर्माण संभव नहीं। जमींदार जमोन का दान करे, धनवान संपत्ति का दान करे। पर इसके सिवा मो आत्मशुद्धि अनेक रूप से आवश्यक है। आज चारों ओर शिकायत रिश्वतखोरी की है। बिहार के राज्यतंत्रवाहक इस क्षति को निर्मल करेंगे तो वह कार्य विशेष आशीर्वाद रूप सिद्ध होगा। और देश के अन्य भागों में बिहार की यह पहल अनुकरणीय बनेगी। ऊपर जो कुछ कहा गया है वह सब महावीर, बुद्ध, गांधीजी वगैरह की सम्मिलित अहिंसाभावना में से फलित होने वाला ही विचार है जो हर जन्मजयन्ती पर उपयुक्त है।