________________
श्री काकासाहेब कालेलकर जैसे तत्वज्ञ और सत्पुरुष का ६५वें वर्ष में प्रवेश करना भारतवासियों के लिए भाग्य की बात है। उनके भारतीय संस्कृति के प्रसार तथा साहित्य-दान के लिए जनता उनकी करणी है। वे उत्तम लेखक हैं और उन्होंने भारत के गांधी-बापू जैसे महानुभावों का साथ भी किया है। श्री कालेलकरजी से में मिला हूं। वे हमारे गणेशपुरी आश्रम में भी आये हैं। हमारा आपस में स्नेह है। उनसे मिलने पर में यह भी समझा कि वे भारतीय दर्शन के श्रेष्ठ ज्ञाता है। मेरे साथ उन्होंने संतों को रहस्यमय आध्यात्मिक अनुभतियों के विषय में चर्चा की थी।
उनके जन्मदिन पर में अपनी मंगलकामनाएं भेजता हूं।
-स्वामी मुक्तानंद
पड़ाव, श्री गुरुदेव आश्रम प्रतिष्ठान साउथ फॉल्सबर्ग, न्यूयार्क, अमरीका
१० / समन्वय के साधक