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बढ़ते कदम
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इस खण्ड में काकासाहेब की संक्षिप्त आत्म-कथा दी गई है। इससे उनके जीवन का परिचय तो मिलता ही है, यह भी पता चलता है कि उनके जीवन का विकास किस प्रकार हुआ । चूंकि यह सारी सामग्री काकासाहेब की कलम से प्रस्तुत हुई है, अतः अत्यन्त प्रामाणिक है । कहने की आवश्यकता नहीं कि पाठकों के लिए यह प्रेरणा का अक्षय स्रोत है।
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जीवन यात्रा
अपनी कलम से