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________________ सम्पादकीय पुनीत कार्यमें मेरी सहानुभूति तो सदैव आपके साथ रहेगी । ग्रन्थ तयार होने तक एक लेख भी अवश्य भेजूंगा। संभवतः इतना ही सहयोग आपको दूसरों से भी प्राप्त हो ऐसी मेरी कल्पना है और आपको अकेले ही यह भार वहन करना पड़े....।" एकत्व भावनाकी इस ध्रुव पीठिका पर मैंने उपस्थित सहयोगियों के सामने ग्रन्थ निर्माण में उपयोगी मूल सिद्धान्त उपस्थित किये जिन्हें ग्रहण करके साधारण रूपरेखा तथा अधिकांश उन जैन विद्वानों की विषयवार तालिका तयार की गयी थी जो हमारी संभावनानुसार लेखक हो सकते थे । कार्य प्रारम्भ करने को ही था कि जुलाई '४५ में मुझे काशी छोड़कर आरा जाना पड़ा। यहां पहुंचते ही प्रियवर भाई पं० नेमिचन्द्र जी शास्त्री, निर्देशक दि. जैन सिद्धान्त भवन आरा से बड़ा सहयोग मिला। अगस्त के प्रारम्भ में ही निम्न रूपरेखाको अंतिम रूप देकर सामग्री संकलनको प्रारम्भ कर दिया था । १ जैन धर्म --प्रमाण, नय, निक्षेप, स्याद्वाद दृष्टि, तत्त्व, षड्द्रव्य, सम्यक्दर्शन, सम्यक्ज्ञान, सर्वज्ञता, सम्यक्चारित्र, श्रावकाचार, मुनिधर्म, आध्यात्म, ध्यान अथवा योग, मुक्तिमार्ग, अष्टकर्म, लोकपुरुष अथवा जैन-भूगोल, तीर्थकरत्व और अवतारवाद, जगत्कर्तृत्व, गुणस्थान, मार्गणा, दिव्यध्वनि, जैनधर्म की विशेषताएं, जैनी अहिंसा, वर्तमान विश्व की समस्याएं और जैनधर्म, परिग्रह परिमाण व्रत बनाम साम्यवाद, जैनतत्त्वज्ञान और वैज्ञानिक अन्वेषण, जैनधर्म का आदि मंत्र, धर्म-अधर्म द्रव्य-विभाजन, वेदान्त और जैन अध्यात्म, प्राचीन जैनेतर आचार्यों की जैनधर्म विषयक भ्रान्तियां, पुराणों में जैनधर्म, आदि । २ जैन साहित्य -- प्राकृत-वर्ण्य विषय, ग्रन्थ, ग्रन्थकार, परिचय, भाषा-भेद, शैली, अन्यवैशिष्ट्य, धवलादि ग्रन्थराज परिचय, आदि । संस्कृत — सैद्धान्तिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक, व्याकरण, काव्य, लक्षण - शास्त्र, सुभाषित, नीति, प्रतिष्ठा, कथा, कोश, आदि । अपभ्रंश — काव्य, चरित, अध्यात्म, आदि । हिन्दी -- हिन्दी (जैन) साहित्य का क्रमिक उद्गम, विकास, वचनिकाकार, रासो साहित्य, कवि, स्फुट, हिन्दी साहित्यकी प्रगतिमें जैन लेखकोंकी देन । गुजराती - जैनसाहित्य - प्राकृत साहित्य के समान । मराठी - जैन साहित्य तामिल - जैनसाहित्य 11 बंगला - जैनसाहित्य कन्नड़ - जैनसाहित्य - अन्य प्रान्तीय भाषाओं का जैन साहित्य | स्फुट -- राजव्यवस्था, सामाजिक अवस्था, विश्व - साहित्य में जैन साहित्य का स्थान । संगीत विषथक साहित्य, जैन-पारिभाषिक शब्दकोश, विदेशी भाषाओं (जर्मन, फ्रेंच, आदि) का साहित्य | १३ जैन इतिहास -- पौराणिक इतिहास ( शलाका पुरुष, आदि), राजवंश, आचार्य कुल, संघभेद, पन्थभेद, भट्टारक परम्परा, जैन राजनीति, गोम्म्मटेशकार, अन्य नृपति-निर्माता, आदि । जैनपुरातत्त्व -- मूर्तिकला, स्थापत्यकला, अष्टमंगलद्रव्य, नन्द्यावर्त, स्वस्तिक, चित्रकला, मोहनजोदड़ो में जैन भग्नावशेष, भगवान महावीर और बुद्ध, शास्त्र भण्डारोंका परिचय, आदि । ४ जैन विज्ञान -- आयुर्वेद, ज्यौतिष, मनोविज्ञान, गणित, बन्ध विवेक, परमाणुवाद, शब्दशक्ति, जैनाचर की वैज्ञानिकता । झ
SR No.012085
Book TitleVarni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhushalchandra Gorawala
PublisherVarni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti
Publication Year1950
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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