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________________ स्याद्वाद और सप्तभंगी श्री पं० चैनसुखदास न्यायतीर्थ स्याद्वाद की महत्ता दुनियामें बहुतसे वाद हैं स्याद्वाद भी उनमें से एक है, पर वह अपनी अद्भुत विशेषता लिये हुए है । दूसरे वाद, विवादोंको उत्पन्न कर संघर्षकी वृद्धिके कारण बन जाते हैं तब स्याद्वाद जगतके सारे विवादोंको मिटाकर संघर्षको विनष्ट करनेमें ही अपना गौरव प्रगट करता है। स्याद्वादके अतिरिक्त सब वादोंमें श्राग्रह है । इसलिए उनमेंसे विग्रह फूट पड़ते है किन्तु स्याद्वाद तो निराग्रह-वाद है, इसमें कहीं भी श्राग्रहका नाम नहीं है। यही कारण है कि इसमें किसी भी प्रकारके विग्रहका अवकाश नहीं है । स्याद्वाद का लक्षण ? स्याद्वाद शब्दमें 'स्यात्' का अर्थ अपेक्षा है अपेक्षा यानी दृष्टिकोण। 'वाद' का अर्थ है सिद्धान्त-. इसका अर्थ यह हुआ कि जो अपेक्षाका सिद्धान्त है उसे स्याद्वाद कहते हैं। किसी वस्तु, किसी धर्म, अथवा गुण, घटना एवं स्थितिका किसी दृष्टिकोणसे कहना, विवेचन करना या समझना स्याद्वाद कहलाता है । पदार्थमें बहुतसे आपेक्षिक धर्म रहते हैं, उन आपेक्षिक धर्मों अथवा गुणोंका यथार्थ ज्ञान अपेक्षाको सामने रखे विना नहीं हो सकता। दर्शन शास्त्रमें प्रयुक्त नित्य अनित्य, भिन्न-अभिन्न, सत्-असत्, एक-अनेक, अादि, सभी आपेक्षिक धर्म हैं । लोक व्यवहारमें भी छोटा-बड़ा, स्थूल-सूक्ष्म, ऊंचा-नीचा, दूर-नजदीक, मूर्ख-विद्वान्, आदि सभी श्रापेक्षिक हैं। इन सभीके साथ कोई न कोई अपेक्षा लगी रहती है । एक ही समयमें पदार्थ नित्य और अनित्य दोनों हैं । किन्तु जिस अपेक्षासे नित्य है उसी अपेक्षासे अनित्य नहीं है । और जिस अपेक्षासे अनित्य है उसी अपेक्षासे नित्य नहीं है । कोई भी पदार्थ अपने वस्तुत्वकी अपेक्षासे नित्य और बदलती रहनेवाली अपनी अवस्थात्रोंकी अपेक्षा अनित्य है; इसलिए उनलोगोंका कहना किसी भी तरह उचित नहीं जो केवल अनित्य अथवा केवल नित्य ही मानते हैं । इसी तरह सत् और असत्, आदि भी हैं । छोटे-बड़े आदिमें भी यही बात है । श्राम फल कटहलके फलकी अपेक्षा छोटा किन्तु बेर की अपेक्षा बड़ा होता है। इसलिए आम एक ही समयमें छोटा बड़ा दोनों है । इसमें कोई विरोध नहीं है किन्तु अपेक्षाका भेद है। ऐसी अवस्थामें केवल उसके छोटे होने अथवा बड़े २०
SR No.012085
Book TitleVarni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhushalchandra Gorawala
PublisherVarni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti
Publication Year1950
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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