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अन्तश्चक्रवालवृत्त
बहिश्चक्रवालवृत्त
हस्तिदन्त क्षेत्र
यवाकार क्षेत्र
मरजाकार क्षेत्र
पण्वाकार क्षेत्र
वज्राकार क्षेत्र
द्विविमीय एवम् त्रिविमीय क्षेत्रफळ | आयतन में नियतांक की कल्पना की जिसका मान 3.0375 आता ! है जो कि आज के नियतांक L के मान 3.155 के लगभग पास है। महावीराचार्य के समय का निर्धारण अमोघ वर्ष के सम्बन्ध में लिखे – गणित सार संग्रह - के छः श्लोक है। शक संवत् 782 का ताम्रपत्र एवम् शक संवत 799 का कन्हेरी गुफा का अभिलेख धारणा पुष्टि का प्रमाण है। अपने बारे में कहीं कुछ नहीं लिखा।
श्रोत 1. गणितसार संग्रह, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर 2. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा = भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्धत् परिषद 3. गणित का इतिहास- हिन्दी समिति सूचना विभाग उत्तरप्रदेश