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महेन्द्रकुमार मस्त
१०.
Jain Institutes १. अम्बाला शहर के ५ जैन हाईस्कूल एवं २ कालेज २. लुधियाना के ३ जैन हाईस्कूल, १ गुरुकुल, १ कालेज ३. जैन भारती मृगावाती विद्यालय एवं जे. एम. वी. नर्सरी स्कूल, दिल्ली ४. पंजाब के प्रायः सभी शहरों में चलनेवाले जैन हाईस्कूल
दिगम्बर समाज का ‘डालचंद जैन कालेज, फिरोजपुर' ६. भोगीलाल लहेरचंद इन्स्टिट्यूट ऑफ इन्डोलोजी, दिल्ली
श्री जिनेन्द्र गुरुकुल, पंचकूला ८. भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली ९. कुंद-कुंद भारती (दिगम्बर), दिल्ली
विजय वल्लभ विशाल प्राचीन ग्रंथ भंडार, दिल्ली ११. संग्रहालय जैन आर्ट एण्ड कल्चर, दिल्ली १२. श्री आत्मवल्लभ जैन कन्या महाविद्यालय, श्री गंगानगर १३. श्री आत्मवल्लभ जैन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी एण्ड मैनेजमेन्ट, फाजिल्का (पंजाब) १४. पंजाब के अनेक नगरों में धार्मिक पाठशालाएँ Public Service Outlets १. लुधियाना का श्री विजयानन्द जैन चेरिटेबल डायग्नोस्टिक सेंटर . २. अम्बाला शहर में जगतूमल जैन फ्री औषधालय ३. अम्बाला नगर, सामाना, लुधियाना, दिल्ली व अन्य शहेरों में श्री संघों द्वारा चलाए जा रहे डेंटल,
आई, आयुर्वेदिक या होमियोपैथिक या क्लीनिकलसेंटर ४. दिल्ली शाहदरा का विशाल श्री विजयानंदसूरि निःशुल्क पक्षी चिकित्सालय Impact of Jains on Rulers १. पंजाब में सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह के खज़ाना मंत्री का पद हमेशा
ही रामनगर के जैन ओसवालों के पास रहा । २. सरहिंद के नवाब वज़ीर खान ने जमीनी मामलों (Revenue) के लिये श्री टोडरमल जैन गादिया
ओसवाल को अपने पास दीवान नियुक्त किया हुआ था । सामाना के सेठ सखीदास जौहरी, गादिया ओसवाल, वहाँ के नवाबों की बेटियों के विवाहों पर जेवर/नगदी की भेंट अवश्य भेजते थे ।