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सत्यमेव जयते
वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला
संदेश
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर जिला मेरठ (उ०प्र०) द्वारा सिद्धान्त वाचस्पति, न्यायप्रभाकर गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के जीवन के ५८ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर एक वृहत् अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित किया जा रहा है। मुझे पूर्ण आशा है कि अभिनन्दन ग्रन्थ में प्रकाशित की जाने वाली सामग्री उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर समुचित प्रकाश डालेगी। मैं अभिनन्दन ग्रन्थ के प्रकाशन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ।
कृषि मंत्री
भारत नई दिल्ली-110001
MINISTER OF AGRICULTURE INDIA NEW DELHI-110001
Jain Educationa International
[बलराम जाखड़ ]
जल संसाधन मंत्री भारत नई दिल्ली
MINISTER OF WATER RESOURCES INDIA NEW DELHI
सन्देश
यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री ज्ञानमती - अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन समिति द्वारा पूज्य गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में एक अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है महापुरुषों के अभिनन्दन की प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा को कायम रखने हेतु आपका यह प्रयास प्रशंसनीय है।
मैं आशा करता हूँ कि इस ग्रंथ के प्रकाशन से श्री ज्ञानमती माताजी की शिक्षाओं, आदर्शों एवं पुनीत कार्यों का समाज में प्रसार हो सकेगा और इससे लोगों में नैतिकता एवं त्याग की भावना का विकास हो सकेगा, जिसकी वस्तुतः आज के वातावरण में आवश्यकता है। अभिनन्दन ग्रंथ के सफल प्रकाशन की मैं कामना करता हूँ।
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[विद्याचरण शुक्ल ]
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