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गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रन्थ
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सुन्दरलाल पटवा
मुख्य मंत्री
मध्यप्रदेश शासन भोपाल, 462004
संदेश
यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दिगंबर जैन त्रिलोक शोध संस्थान द्वारा न्यायप्रभाकर गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी की सेवाओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए अभिनंदन ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है।
अपनी लेखनी तथा अन्य अकादमिक गतिविधियों से साधकों व धर्मालुओं का मार्गदर्शन करने वाली श्री ज्ञानमती माताजी का समाज सदा ऋणी रहेगा। ऐसी महान् आत्माओं द्वारा की गई मानवसेवा के लिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए कितने ही अभिनंदन ग्रन्थ अपर्याप्त होंगे, परन्तु समाज का यह विनम्र प्रयास उनके प्रति अगाध श्रद्धा का परिचायक है। मैं श्री ज्ञानमती माताजी के चिरायु होने तथा अभिनंदन ग्रन्थ की सफलता की कामना करता हूँ।
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[सुन्दरलाल पटवा]
गृह मंत्री
भारत नई दिल्ली-११००.१ HOME MINISTER
INDIA NEW DELHI-110001
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सत्यमेव जयते
सन्देश
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में एक अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन करने जा रहे हैं। श्री ज्ञानमती माताजी के विचार धार्मिक सहिष्णुता और साम्प्रदायिक सद्भाव के द्योतक हैं। जो न केवल जैन समाज, बल्कि सभी के लिए हितकर हैं। आज के तनावपूर्ण वातावरण में इससे आपसी मेलभाव बढ़ाने में बल मिलेगा।
आपके आयोजन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।
शंकरराव चव्हाण
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