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________________ २६] डॉ. मुरली मनोहर जोशी अध्यक्ष वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला Jain Educationa International मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि पूज्य गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है। पूज्य माताश्री के दर्शन एवं सानिध्य का सौभाग्य मुझे पिछले वर्ष उनके जन्म दिवस उत्सव के अवसर पर सरधना में प्राप्त हुआ था। जो मेरे लिए सदैव स्मरणीय है। राष्ट्र की ऐसी महान संत एवं विद्वान् एवं तपस्वी का अभिनन्दन कर हम स्वयं को गौरवान्वित करते हैं। समिति का यह प्रयास वास्तव में श्लाघनीय है । ग्रन्थ अद्वितीय हो एवं राष्ट्र तथा समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हो। ग्रन्थ की सफलता की शुभकामना करता हुआ पूज्य श्रीमाताजी के प्रति अपनी विनयांजलि अर्पित करता हूँ। सस्नेह भारतीय जनता पार्टी Bharatiya Janata Party मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सन्देश डा० मुरली मनोहर जोशी For Personal and Private Use Only आपका सचिवालय एनेक्सी यह हर्ष का विषय है कि जैन साध्वी श्री ज्ञानमती माताजी की बहुआयामी सेवाओं तथा आध्यात्मिक जीवन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने की भावना से दिगम्बर जैन समाज मेरठ के नेतृत्व में एक अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित करने की योजना बनाई है। लखनऊ दिनांक: 6 मार्च, 1992 आशा है कि अभिनन्दन ग्रन्थ में श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा अहिंसा, साम्प्रदायिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय एकता की भावना को बलवती बनाने की दिशा में किये गये प्रयासों को उजागर किया जायेगा और इससे पाठकों को सदप्रेरणा प्राप्त होगी। अभिनन्दन ग्रन्थ की सफलता के लिये मेरी शुभकामनाये। hamunda 8 कल्याण सिंह 8 www.jainelibrary.org.
SR No.012075
Book TitleAryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages822
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size26 MB
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