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शुभाशीष/श्रद्धांजलि
साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ साहित्याचार्य की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् सागर विश्वविद्यालय से पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। विशेष योग्यता होने पर भी इस विद्यालय को छोड़ अन्य किसी संस्था में उच्च वेतनमान प्राप्त होने पर भी नहीं गये। भाषण और लेखन पंडित जी के दो ही व्यसन थे। भाषण कला में तो वे इतने निष्णात थे कि उन्हें समय की नहीं अपितु समय को अपनी चिंता होने लगती, और लेखन की तो बात ही क्या ? लेखनी चली तो चलती गई। हाथ कंगन को आरसी क्या ? सन् 1970 से सशक्त लेखनी का श्री गणेश हुआ तो वह अंत तक निर्वाध चलती रही। जिसने "जैन पूजा काव्य एक अनुचिंतन, चतुर्विंशति संधान महाकाव्य, धर्म और राजनीति में समन्वय, विश्वतत्व प्रकाशक स्याद्वाद" आदि अनेक कृतियों को मूर्तरूप प्रदान किया।
अंतिम समय में मैं पंडित जी के समीप ही था। भगवान बाहुबलि जी का महामस्तिकाभिषेक दि. 12/2/2006 को सम्पन्न हो रहा था। पंडित जी अपने ध्यान में लीन थे। ऊपरी शरीर की गति कुछ और थी किन्तु अंतरंग में सम्यग्दर्शन की लहरें हिलोरे ले रही थी। पंडित मरण का यह कैसा अनुपम अद्भुत दृश्य था। इसे देखकर स्वयं अनुभव किया जा सकता था। पंडित जी ने अपनी इहलीला 12.50 मि. पर शुभ मुहूर्त में समाप्त की। पंडित जी सतत जागरूक निश्छल, भद्रपरिणामी व्यक्ति थे उनके श्री चरणों में अपनी विनयांजलि पुन: समर्पित करता हूँ ॐ शांति ।
मेरे श्रद्धा पूर्ण गुरूजी
पं. खेमचंद जैन पूर्व प्राचार्य
रायल हास्पिटल जबलपुर स्व. डॉ. पं. दयाचंद जी साहित्याचार्य, पूर्व प्राचार्य मेरे प्रारंभिक शिक्षा गुरु रहे हैं। मैं 1950 से 1958 तक श्री गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय में उनका आज्ञाकारी शिष्य रहा हूँ। पू. गुरुवर्य में समुद्र के समान गंभीरता थी। शाहपुर वाले पंडित जी के नाम से सभी जानते थे। इनके बड़े भाई सा. स्व. पं. माणिकचंद जी भी मेरे गुरुवर्य थे। पू. गणेश प्रसाद जी वर्णी महाराज के आशीष प्राप्त शिष्य पंडित जी आजीवन विद्यालय की विभिन्न पदों पर सेवा करते रहे। 91 वर्ष की आयु में भी पंडित जी खड़े होकर पूजा करते थे । युवा विद्वान की आयु में पंडित जी व्यायाम की भी सामूहिक शिक्षा देते थे। समुद्र सम गंभीरता पुण्य शाली का लक्षण होती है। उनका स्मृति ग्रंथ प्रभावना की दृष्टि से धार्मिक मार्गदर्शन कर सके। सम्पादक मंडल के सदस्य के रूप में यही मंगलकामना है । दिवंगत गुरुचरणों में पावनभाव सहित विनयांजलि सेवार्पित है।
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