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शुभाशीष/श्रद्धांजलि
साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ दयानाम तथा गुणधारी सद् गृहस्थ युत थे बह्मचारी। शिष्यों के जो श्रेष्ठ उत्साह प्रेरक, मुझ अल्पज्ञ के सदा मार्गदर्शक सादा जीवन उच्च विचारक... जैनागम के सतत प्रचारक अनेक उपाधि सम्मान मिले है। फिर भी उन से विलग रहे है। गोमम्टेश्वर का महामस्तकाभिषेक श्री पंडित जी का शेष आयु कर्म निषेक । महामंत्र का ध्यान लगाया
जीवन अपना सफल बनाया दोहा :- अनंत आनंद के लिए समाधिमरण अनिवार्य । भव समुद्र का भ्रमण मिटे पावें सद्गति आर्य ॥
-- मुनि अनंतानंत सागर
आशीर्वाद भगवान शांतिनाथ , कुथुनाथ, अरहनााथ की जन्मभूमि हस्तिनापुर में विराजमान परम पूज्य
गणिनीप्रमुख श्री ज्ञान मति माताजी एवं संघस्थ सभी साधुओं का रत्नत्रय सकुशल है आशा है कि आप भी स्वथ्य एवं सानंद होंगी।
स्व. डॉ. पं. श्री दयाचंद्र जी साहित्याचार्य जी के स्मृति ग्रंथ प्रकाशन में | शुभकामना हेतु आपका पत्र प्राप्त हुआ । ग्रंथ हेतु पूज्य माताजी द्वय ने आपके एवं समस्त सम्पादक मण्डल के लिए बहुत - बहुत आशीर्वाद कहलाया है।
शेष शुभ है। पूज्य माताजी एवं संघस्थ सभी साधुओं का मंगल आशीर्वाद ।
गणिनी आर्यिका ज्ञानमती
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