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कृतित्व / हिन्दी
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साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ
पशुओं की अनीतिपूर्वक हत्या करता है उसके अंगोपांग तोड़कर छिन्न भिन्न किये जायेंगे ।
( पारसीग्रन्थ आर्द 274-192)
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हमें समस्त जगत के सभी जीवों के प्रति घृणा और द्वेष से रहित होकर प्रेम का व्यवहार करना चाहिए | (बौद्धग्रन्थ)
अहिंसा परमो धर्मः तथा ऽहिंसा परो दमः ।
अहिंसा परमं दानं, अहिंसा परमं तपः ॥ (महाभारत)
किसी के प्राणों को पीड़ा देना अच्छा नहीं, बल्कि दूसरों के प्राणों की रक्षा करने के लिए इतना ही सावधान रहना चाहिए जितना कि अपने प्राणों के लिए, कारण कि अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है (महावीर स्वामी)
(विश्व जैन मिशन ट्रेक्ट से उद्धृत)
Jesus said, "I sary unto all who desire to be my disciples, Keep your hand from bloob shed and no flesh / meat enter your mouth for, God is just and bountiful who ordaineth that man shall live by fruits, grains and seeds of the earth alone"
अर्थात् ईसामसीह ने कहा- "मेरे शिष्यो, तुम रक्त बहाना छोड़ दो और अपने मुँह में मांस मत डालो। ईश्वर बड़ा दयालु है उसकी आज्ञा है कि मनुष्य पृथ्वी से उत्पन्न होने वाले फल और अन्न से जीवन निर्वाह करें। (ईसा मसीह )
Be ye, therefore, merciful as your Father is merciful अर्थात् जब तुम्हारे पिता दयावान हैं तब तुम भी दयावान बनो ।
ईसाई मत की दश आज्ञाओं में पंचमी आज्ञा - hou shall not kill अर्थात् किसी भी प्राणी का वध मत करो। (सेण्ट ल्यूकस 36-6 ) ।
We are the living graves of Murdered Beasts, Slaughtered to satisly our appetite. we never, pause to wonder at our Feasts It Animals, life man, can possibly have Rights. ( होसिया (hosia) अध्याय 8, आयत 15 ) अर्थात् मनुष्यों तथा जानवरों को भी जीने का हक दो, उन्हें खाकर पेट को कब्रिस्तान मत बनाओं ।
Yes, when ye make many prayers, I will not hear, your hands are full of blood अर्थात् हाँ, जब तुम लगातार प्रार्थना करोंगे तो भी मैं ध्यान नहीं दूंगा क्योंकि तुम्हारे हाथ प्राणियों के वध के कारण रक्तमय हो रहे है। (जार्ज बर्नाड शा इंग्लैण्ड)
( नव जीवदया मण्डल नई सड़क देहली के प्रपत्र से)
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