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व्यक्तित्व
साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ मेरे आदर्श जीवन निर्माता पंडित जी
___ पं. श्रवण कुमार जैन
प्रतिष्ठाचार्य , झण्डा चौक, बण्डा, जिला सागर परम आदरणीय डॉ. पंडित दयाचंद जी साहित्याचार्य जी का जीवन एक आदर्श जीवन रहा है । आजीवन साहित्य साधना में निरत अनवरत ज्ञानदान की दिशा में कार्यरत पंडित जी जैन समाज के मूर्धन्य विद्वान थे । प्रत्येक विद्यार्थी के लिए उनका जीवन प्रेरणा का स्त्रोत और वात्सल्य से आप्लावित था | वे अपने विद्यार्थियों के प्रति तन मन धन से समर्पित रहते थे । सदैव साहित्य साधना के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रत्येक विद्वान और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते रहते थे गहन ज्ञान गरिमा से मंडित पंडित जी की महानता को मुझ जैसा अल्पज्ञ व्यक्ति व्यक्त करने में नितांत असमर्थ है । विद्वद्वर्य पंडित जी के जीवन को मैं इस बात का उदाहरण मानता हूँ कि स्वाध्याय और चिंतन से उपलब्ध ज्ञान की परिपक्वता और प्रभाव की कोई सीमा नहीं है। यह पंडित जी की विचक्षणता का प्रमाण है। कि पारम्परिक परिपाटी के विद्वान होते हुए भी ज्ञान और शोध की नई परिपाटी को अपना कर आपने वृद्धावस्था में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त कर डाक्ट्ररेड की पदवी प्राप्त की, आपका शोध प्रबंध “जैन पूजा काव्य एक चिंतन" सागर विश्वविद्यालय से इस उपाधि के लिए सम्मानित किया गया । पंडित जी ने श्री गणेश दि. जैन संस्कृत महाविद्यालय की सेवा में इसकी उत्तरोत्तर प्रगति में अपना सारा जीवन लगा दिया। सच्चे अर्थो में पंडित जी दीपक की तरह स्वयं को समर्पित कर समाज को निरंतर प्रकाश पुंज बिखेरते रहे। अध्यापन, अनुशासन , प्रशासन, चिंतन, सृजन, लेखन, भाषण एवं प्रवचन के माध्यम से पंडित जी ने समाज में जो ज्ञान का अखण्ड दीपक जलाया है वह अद्वितीय एवं अविस्मरणीय है।
__पंडित जी जैन सात्विक सदाशयी, सद्भावपूर्ण तथा सर्वमंगलकारी व्यक्तित्व के धारी समर्पित निष्ठावान तथा मनस्वी पुरुष संसार में विरले है जिन्होंने नवीन अनुसंधान करके सारश्वत क्षेत्र को भास्वर
और उज्ज्वल बनाया। प्राय: पंडित जी पढ़ाते पढ़ाते लेखन कार्य में और लेखन कार्य करते करते अध्यापन कार्य में लगे ही रहते थे। उनके अभीक्ष्ण ज्ञान उपयोग के हम लोग प्रत्यक्ष दर्शी है पंडित जी के व्यक्तित्व में यह एक बड़ी विशेषता रही है कि आप जीवन भर कभी पक्ष विपक्ष में नहीं पड़े। हमेशा आगम और न्याय संगत बात का ही पक्ष रखा। जिसका परिणाम है कि आप समाज के प्रत्येक क्षेत्र में और प्रत्येक वर्ग में आप समान भाव से आदर और सम्मान के पात्र रहे । श्रुत ज्ञान के ऐसे प्रकृष्ट आराधक माननीय पंडित जी का श्रद्धाभिभूत हृदय से कोटिशः वंदन करते हुए उनके दिवंगत चरणों में हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
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