SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 418
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४०३ समयसुन्दर की रचनाओं में साहित्यिक तत्त्व गीतम्। ५.१.४४ मल्हार-मिश्र-श्री शंखेश्वर पार्श्वजिन स्तवन। ५.१.४५ मारवणी- पुण्यसार रास (१०)। ५.१.४६ मारुणी-धन्याश्री-शांब-प्रद्युम्न चौपाई (४); चार प्रत्येकबुद्ध रास (१); विमलजिन स्तवन; श्री शत्रुजय तीर्थ भास; श्री जिनसिंहसूरि गीतानि (१३)। ५.१.४७ मारु-पुण्यसार रास (४); जैसलमेर मण्डन पार्श्वजिन स्तवन (१०); चौबीसी (१)। ५.१.४८ मारुणी-नलदवदन्ती रास (२.२); मृगावती-चरित्र चौपाई (२.७); चौबीसी (१.६); ऐरवत क्षेत्र चतुर्विंशति गीतानि (११,१५); विहरमान बीसी स्तवनाः (१,१३,१४,१९); सीमंधर जिन स्तवन; नेमिनाथ गीतम: नेमिनाथ गीतम; नेमिनाथ गीतम्; (ये सभी पृथक-पृथक गीत हैं); श्री कंसारी-त्रम्बावती मण्डन भीड़भंजन पार्श्वनाथ भास; श्री सामान्य जिन आंगी गीतम् ; श्री रामचन्द्र गीतम् ; अजयमेरु मण्डन जिनदत्तसूरि गीतम्; जीव प्रतिबोध गीतम; अमरसर मण्डन श्री जिनकुशलसूरि गीतम्। ५.१.४९ मालवी गौड़ी-चार प्रत्येकबुद्ध रास (३.९); जिनसिंहसूरि गीतानि (२४); अष्टापद मण्डन शान्तिनाथ गीतम् ऐरवत क्षेत्र चतुर्विंशति गीतानि; चौबीसी (४)। ५.१.५० मिश्र-घड़ियाली गीतम्; हीयाली गीतम्। ५.१.५१ मुलतानी- धन्याश्री-श्री नेमिनाथ गीतम्। ५.१.५२ मेवाड़उ- श्री जिनसिंहसूरि गीतानि (१)। ५.१.५३ रामगिरि-सीताराम-चौपाई (३.१); सिंहलसुत चौपाई (१); वल्कलचीरी रास (१); पुण्यसार रास (१); शत्रुञ्जय रास (१); दान गीतम्; यति लोभनिवारण गीतम् श्री जिनसिंहसूरि गीतानि; श्री राजुल-रथनेमि गीतम् श्री दशार्णभद्र गीतम्; चौबीसी (८,२०); श्री नेमिनाथ गीतम्; नेमिनाथ गीतम्; श्री जैसलमेर मण्डन पार्श्वजिन स्तवनम् (१); मृगावती चरित्र चौपाई (२.१,३.११); शांब-प्रद्युम्न चौपाई (२); चार प्रत्येकबुद्ध रास (२.५)। ५.१.५४ ललित-श्री जिनसिंहसूरि गीतानि (८); चौबीसी (११); विहरमान वीसी स्तवनाः (१२)। ५.१.५५ वसं त-- दादा श्री जिनकुशलसुरि गीत; ऐरवत क्षेत्र चतुर्विशति गीतानि (१२); विहरमान वीसी स्तवनाः (११); चन्द्रवारि मण्डन श्री चन्द्रप्रभ भास; नेमिनाथ फाग; श्री जैसलमेर मण्डन पार्श्वजिन स्तवन (४); श्री अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ गीतम्। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy