SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 416
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समयसुन्दर की रचनाओं में साहित्यिक तत्त्व ४०१ जिनसागरसूरि गीतानि (५); श्री स्तम्भन पार्श्वनाथ स्तवनम्; जैसलमेर मण्डन पार्श्वजिन स्तवनम् (९); शाब-प्रद्युम्न चौपाई (३,१४)। ५.१.१८ गुण्ड-मल्हार-श्री सामान्य जिन गीतम्। ५.१.१९ गुण्ड मिश्र-पारकी होड निवारण गीतम्। ५.१.२० गूजरी-दान-शील तप-भावना गूढा गीतम्; उद्यम-भाग्य गीतम्; श्री सौरीपुर मण्डन नेमिनाथ भास; चौबीसी (२२)। ५.१.२१ गौड़ी-शांब-प्रद्युम्न चौपाई (५,८); चार प्रत्येकबुद्ध रास (१.१,२.२,४.८); मृगावती-चरित्र चौपाई (१.११,३.४); नलदवदन्ती रास (२.५,४.३,५.३,६.४); सीताराम-चौपाई (१.६,३.४,४.४); पुण्यसार रास (११,१४); वल्कलचीरी रास (३); क्षुल्लककुमार रास (१); धनदत्त चौपाई (६); जीव प्रतिबोध गीतम्; जिनसिंहसूरि गीतानि (२७); ज्ञान पंचमी वृहत्स्तवन (कलश); गौड़ी पार्श्वनाथ स्तवनम् (२.३); जैसलमेर मण्डन पार्श्वजिन स्तवनम् (११); सीमन्धर जिन गीतम् (२); विरहमान-वीसी स्तवनाः (२,९,१६); ऐरवत क्षेत्र चतुर्विंशति गीतानि (२२); चौबीसी (२)। ५.१.२२ गौड़ी-केदारो-वासुपूज्य जिन स्तवन। ५.१.२३ जइतसिरी-पुण्यसार रास (१३); श्री गिरनार मण्डन नेमिनाथ गीतम: विमल जिन स्तवन; शांब-प्रद्युम्न चौपाई (७); मृगावती-चरित्र चौपाई (१.४)। ५.१.२४ जइतसिरी-धन्नासिरी-श्री स्थुलिभद्र गीतम् ; दादा श्री जिनकुशलसूरि गीतम्। ५.१.२५ जत्तिनी-सीताराम-चौपाई (२.२)। ५.१.२६ जांगण्डा-नी-सीताराम-चौपाई (६.४)। ५.१.२७ तौड़ी- हुंकार-परिहार गीतम्; श्रीजिनसागरसूरि गीतानि (६); विमलाचल मण्डन आदि जिन स्तवन; ऐरवत क्षेत्र चतुर्विशति गीतानि (१८); चार प्रत्येकबुद्ध रास (१.९); मृगावती-चरित्र चौपाई (१.३)। ५.१.२८ देशाख- श्री शीतल जिन गीतम्; श्री नेमिनाथ गीतम्; श्री जैसलमेर-मण्डन पार्श्वजिन स्तवनम् (२)। ५.१.२९ देवगंधार-जीव-व्यापारी गीतम्; चौबीसी (२३)। ५.१.३० धन्याश्री-सिंहलसुत चौपाई (११); द्रौपदी चौपाई (३.६); वल्कलचीरी रास (१०); पुण्यसार चौपाई (१५); चम्पकवेष्ठि चौपाई (२.८); धनदत्त चौपाई (९); शत्रुञ्जय रास (६); शांब-प्रद्युम्न चौपाई (१३); चार प्रत्येकबुद्ध रास (१.१०,२. ८); मृगावती-चरित्र चौपाई (१.१०,२.१३,३.९,३.१२); केशीप्रदेशी प्रबन्ध (४); रात्री जागी गीतमः श्री संघ गुण गीतम्, श्री जिनसागरसूरि गीतानि (७); श्री जिनसिंहसूरि गीतानि (२९); श्री ननोल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy