SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 415
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४०० ५.१.५ ५.१.६ ५.१.७ ५.१.८ ५.१.९ ५.१.१० ५.१.११ ५.१.१२ ५.१.१३ ५.१.१४ ५.१.१५ ५.१.१६ ५.१.१७ महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व जीव प्रतिबोध गीतम् ; श्री जिनचन्द्रसूरि गीतम् । कड़खा - सीमंधर स्वामी गीतम् । कनड अडाणउनावी गीतम् । कल्याण -- जिनसिंहसूरि गीतानि (२५); श्री श्रेणिक - विज्ञप्ति - गर्भितं श्री महावीर गीतम् ; तारंगा पार्श्वनाथ स्तवनम् ;; श्री लोद्रवपुर सहस्रफणा पार्श्वनाथ स्तवन, जैसलमेर मंडन पार्श्वजिन स्तवनम् (१६); विहरमान - वीसी - स्तवनाः (८)। कांनड़उ -- 3-नल- दवदंती रास (२.४); सुमति जिन स्तवन; श्री जैसलमेर मण्डण पार्श्वजिन स्तवन (७); श्री अइमत्ता ऋषि गीतम् ; श्री जिनराज सूरि गीतानि (१) । काफी- श्री तिमरीपुर पार्श्वनाथ गीतम् ; श्री बीबीपुर मण्डन चिन्तामणि पार्श्वनाथ स्तवन; श्री कंसारी-त्रंवावती-मंडन भीड़भंजन पार्श्वनाथभास (३); चौबीसी (३) । काफी - अठताला - ऐरवत क्षेत्र चतुर्विंशति गीतानि (१०) । काफी - धन्या श्री - वल्कलचीरी रास (४) । कालहरउ — क्षुल्लककुमार रास ( २ ); शांब-पद्युम्न चौपाई ( ६ ) ; तप गीतम्; आत्मप्रमोद गीतम्; श्री बाहुबलि गीतम् । केदारा-गौड़ी-सीताराम - चौपाई (८.६); पुण्यसार-रास (२,६); नलदवदंतीरास ( ६,१ ) ; मान-1 - निवारण गीतम् ; काया - जीव गीतम् ; स्थूलिभद्र गीतम्, श्री नेमिनाथ गीतम्; शत्रुञ्जयमण्डन युगादि देव गीतम्; ऐरवत क्षेत्र चतुर्विंशति गीतानि (२१); शांब - प्रद्युम्न चौपाई (१,११); चार प्रत्येकबुद्ध चौपाई (१.४); मृगावती - चरित्र चौपाई (१.३, १.९) केदारो - नलदवदन्ती - रास (१.५,५.५); चार प्रत्येकबुद्ध रास ( २.७); मृगावतीचरित्र चौपाई (१.२, ३.६); विषयनिवारण गीतम्, क्रोध निवारण गीतम्; जिनसिंहसूरि गीतानि (२६); सामान्य जिन विज्ञप्ति गीतम्; जिनप्रतिमापूजा गीतम् ; श्री अजाहरा पार्श्वनाथ भास; जैसलमेरुमण्डण पार्श्वजिन स्तवनम् (१२); श्री नेमिनाथ गीतम्; श्री शान्तिनाथ गीतम्; विहरमान वीसी स्तवनाः (१८); ऐखत क्षेत्र चतुर्विशति गीतानि ( ८ ); चौबीसी (९,१० ) । खम्भायति – जैसलमेर-मण्डन पार्श्वजिनस्तवनम् (१५); पुण्यसार रास (७); शब- प्रद्युम्र चौपाई (१५); चार प्रत्येकबुद्ध रास (१.६) । खेलानी - सीताराम - चौपाई (६.५) । गुण्ड - विहरमान वीसी स्तवना: (५); अर्बुदाचल-मण्डन-युगादिदेव गीतम्; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy