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________________ जैन कथा-साहित्य प्रो. फूलचन्द्र जैन ' सारंग' एम. ए. साहित्यरत्न जैन साहित्य का महत्व__ सम्पूर्ण भारतीय वाङ्गमय में जैन साहित्य का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रबंध, चम्पू, नाटक, कथा आदि ललित साहित्य और गणित, वैद्यक, ज्योतिष, भूगोल, नीति, दर्शन आदि उपयोगी साहित्य के सभी क्षेत्रों में जैन धर्म की देन बहुत ही पुष्ट और समृद्धिशाली है। संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि पुरातन भारतीय भाषाओं तथा दक्षिण की तामिल, तेलगू, कन्नड़ और गुजराती, मराठी आदि प्रान्तीय भाषाओं में यह साहित्य प्रचुर परिमाण में उपलब्ध है। अभी बहुत सा जैन साहित्य अंधकारग्रस्त है, पर जो कुछ भी साहित्य प्रकाश में आया है उससे भली भांति स्पष्ट है कि भारत के सांस्कृतिक अनुशीलन में अन्य धर्म और जातियों की अपेक्षा जैन साहित्य के पृष्ठ कहीं अधिक प्राणवान् और स्फूर्तिदायक हैं। हिन्दी साहित्य के इतिहास-निर्माण में भी जैन साहित्य का योगदान कम महत्त्वपूर्ण नहीं है । जैसे-जैसे अपभ्रंश भाषा में रचित जैन साहित्य पर अधिकाधिक प्रकाश पड़ता जा रहा है वैसे-वैसे हिन्दी के उद्भव और विकास की कहानी अधिक सुसंगत और स्पष्ट होती जा रही है। इधर जो अपभ्रंश भाषा में जन चरित्र काब्यों की विपुल सामग्री उपलब्ध हुई है उसने तो हिन्दी की साहित्यिक परम्परायें और उसके काव्य के रूपों के अध्ययन के लिये एक नया दृष्टिकोण हिन्दी के विद्वानों को प्रदान किया है। अब केवल एक धर्म या सम्प्रदाय विशेष का साहित्य कह कर जैन काव्यग्रंथों की अवहेलना नहीं की जा सकती । हिन्दी साहित्य के विकास में उसके ऐतिहासिक महत्व को अब स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जा रहा है। जिस पुष्प कवि को हिन्दी साहित्यकारों ने हिन्दी भाषा का प्रथम कवि बताया हैं वे और कोई नहीं, अपभ्रंश के सुप्रसिद्ध जैन कवि पुष्पदन्त ही हैं जिन्हों ने महापुराण, यशोधरचरित्र और नागकुमारचरित्र आदि ग्रंथों की रचना की है । महाकवि स्ययंभू को हिन्दी भाषा का सर्वश्रेष्ठ कवि स्वीकार करते हुये महापंडित राहुल सांकृत्यायन के ये शब्द कितने महत्वपूर्ण हैं " स्वयंभू- कविराज कहे गये है, किन्तु इतने से स्वयंभू की महत्ता को नहीं समझा जा सकता । मैं समझता हूं आठवीं
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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