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________________ साहित्य हिन्दी और हिन्दी जैन साहित्य । बुन्देलखण्डी कविवर देवीदास आप ओरछा स्टेट के दुगौड़ा के निवासी थे। आपकी ज्ञाति गोलालारे और आपका गोत्र कासिल्ल था। आपके पूर्वज भदावर प्रान्त के ' केलगवां' ग्राम से आकर वहां वसे थे । आप जैसे प्राकृत-संस्कृत के विद्वान् थे, वैसे हिन्दी के भी थे। आपकी रचनायें भक्तिरसपूर्ण और आध्यात्मिक हैं। आपको जीवन में बड़े कटु अनुभव और दुःख सहन करने पड़े थे। आपके लघु माता नवला का विवाह निश्चित हो चुका था। दोनों प्राता विवाह के निमित्त सामग्री का क्रय करने के लिये ललितपुर जा रहे थे । मार्ग में शेर से भेंट हो गई और विवाहार्थी नवल शेर का आहार बन गया । आपका यह पद्य कितना हृदय-द्रावक है: बांकरी करमगति जाय न कही, मां बाकरी करमगति जाय न कही। चिन्तत और बनत कुछ औरहि, होनहार सो होय सही ॥ 'चतुर्विन्शति जिनपूजा' और 'देवीदासविलास' नामक आप द्वारा रचित दो ग्रन्थ अभी परिचय में आये हैं। जिनपूजा ग्रन्थ का काल कविने स्वयं सं० १८२१ श्रा. शु. १ रविवार दिया है। इनकी कवितायें तत्त्वदर्शी एवं भावपूर्ण हैं। विशेष परिचय के लिये अनेकान्त वर्ष ११, ७-८ सितम्बर-अक्टूबर १९५२ देखिये। महाकवि ज्ञानसार बीकानेर-राज्य के जेगलेवास नामक ग्राम में ओसवालज्ञातीय श्रेष्ठि उदयचंद की धर्म-पत्नी जीवणदेवी की कुक्षी से वि. सं. १८०१ में आप का जन्म हुआ था। वि. सं. १८२१ में श्रीमद् जिनलाभसूरिजी के कर-कमलों से आपने जैन भागवती दीक्षा ग्रहण की थी। आप बड़े ही आध्यात्मिक पुरुष थे । आप का आयुर्वेद का ज्ञान भी बड़ा गंभीर था । आपने अनेक पद, गीत, स्तवन, चौवीसी, वीसी, छत्तीसी, बहोत्तरी, बालावबोध रचे हैं। आपका रचनाकाल वि. सं. १८४९ से १८८५ पर्यंत प्रतीत होता है। आप की रचनाओं में मधुरता, सरलता और अनुभवगत सत्य का प्रवाह है । आपकी रचनाओं पर आनंदघन का प्रभाव है। आप श्वे. हिन्दी कविओं में सर्वश्रेष्ठ हैं। आप की रचना का उदाहरण देखिये: प्रीतम ! पतियां कौन पढावै । वीर विवेक मीत अनुभौ घर, तुम बिन कबहुं न आवै । घरनो छइयो घरटी चाटै, पेड़ा पड़ोसण खावै । कबहुं न मुझरो घर घरणीनो, पर घर रैन विहावे ।
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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