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________________ ६४२ भीमद् विजयराजेन्द्रसूरि-स्मारक-ग्रंथ हिन्दी जैन १७७७ में लिख कर समाप्त की। सं० १७९८ में आपने अध्यात्मवारहखड़ी' लिखी। आपने वसुनन्दीकृत 'उपासकाध्ययन' की एक टब्बा टीका भी लिखी है। आपने अपनी कृतियों में उदयपुरका अच्छा वर्णन दिया है । नीचे के उदाहरण में आपका भाषा-सारस्य देखिये उदयपुर में कियौ बखान, दौलतराम आनन्दसुत जान । वांच्यो श्रावक वृत्त विचार, वसुनन्दी गाथा अविकार ॥ बोले सेठ बेलजी नाम, सुत नृपमंत्री दौलतराम । टवा होय जो गाथा तनो, पुण्य उपजै जियको घनो ॥ सुनि के दौलत बैन सुबैन, मनभरि गायो मारग जैन । टबा टीका प्रशस्ति । विशेष परिचय के लिये देखिये अनेकान्त वर्ष १०/१ जुलाई १९९१ । पं० टोडरमलजी आप जयपुर के रहनेवाले थे । इनके पिता का नाम जोगीदास खण्डेलगल था और माता का नाम रमादेवी था । आपके हरिचंद और गुमानीराम नाम के दो पुत्र थे । हिन्दीसाहित्य के दिगम्बर जैन विद्वानों में आप का हिन्दी-गद्य-लेखक के रूप में बहुत ऊंचा स्थान है। आप का आध्यात्मज्ञान बहुत ही ऊंचा था। अतिरिक्त इसके आप व्याकरण, साहित्य, सिद्धान्त एवं दर्शन-शास्त्रों के भी पूर्ण पंडित थे। आप की कृतियों की भाषा ढूढ़ाड़ी-ब्रजमिश्रित है; परन्तु उसमें आप के गंभीर पाण्डित्य एवं लेखन-कौशल के स्पष्ट दर्शन होते है। आप का स्वभाव बड़ा ही सरल था और हृदय बड़ा ही कोमल था और वैसा ही सादा आप का रहन-सहन था । आप के घर पर सदा विद्या-व्यसनियों का जमघट लगा ही रहता था और आप भी उनको बड़े प्रेम से विद्यादान देते थे। आपने जयपुर गुमान-पंथ की स्थापना की थी। अभी भी गुमान-पंथ का जैन मंदिर जयपुर में बना हुआ है। इसी मंदिर में आप का साहित्य भण्डार भी है, जिस में आप के सभी ग्रंथों की स्वहस्तलिखित प्रतियां सुरक्षित हैं । आप की नौ रचनायें इस प्रकार हैं:-१ ' गोम्मटसारजीवकांड टीका,' २ 'गोम्मटसारकर्मकाण्ड टीका, ' ३ ' लब्धिसार-क्षपणकसार टीका,' ४ · त्रिलोकसार टीका,' ५ 'आत्मानुशासन टीका, '६ पुरुषार्थसिद्धयूपाय टीका, ' ७ ' अर्थसंदृष्टि अधिकार,' ८ ' रहस्यपूर्णचिट्ठी, ' और ' मोक्षमार्गप्रकाशक ' । आप का रचना-काल वि. सं. १८११ से १८२४ पर्यंत माना जाता है। विशेष परिचय के लिये वीर-वाणी-टोडरमलाङ्क वर्ष १ । १९-२०-२१ फरवरी १९४८ देखिये ।
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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