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________________ पू. उपाध्याय श्री मेघविजयजी गुम्फिता अहंद्गीता पन्यास श्री रमणीकविजयजी महाराज । वीतरागदेव श्री महावीर-वर्धमानस्वामी के इन शासन के पच्चीसौ वर्ष तक हरएक शताब्दी में अनेक विद्वान् जैनाचार्य और मुनिपुङ्गव होते रहे हैं। अठारवीं शताब्दी में जो अनेक विद्वान् मुनिप्रवर हुए हैं, उनमें उच्चकोटि के विद्वान् और महाकवि के नाम से प्रसिद्ध उपाध्याय श्री मेघविजयजी महाराज का विशिष्ट स्थान है । उपाध्याय श्री मेघविजयजी जगप्रसिद्ध मुगलसम्राट अकबर के प्रतिबोधक जगद्गुरु श्री हीरविजयसूरीश्वरजी की परंपरा में हुए हैं। उनके दीक्षागुरु पंडित श्री कृपाविजयजी महाराज थे । तपागच्छीय आचार्यप्रवर विजयदेवसूरि के पट्टधर श्री विजयप्रभसूरिने उनको वाचक-उपाध्याय की पदवी से अलंकृत किया था। इतना सहज परिचय श्री मेघविजयोपाध्यायजी के स्वरचित ग्रंथों की प्रशस्तिओं में प्राप्त होता है। इससे ऐसा अनुभूत होता है कि वे श्री विजयप्रभमूरि के धर्मसाम्राज्य में मुख्यतः विद्यमान थे। आज उनकी उपलब्ध कृतिओं को देखने से ज्ञात होता है कि उनका पाण्डित्य असाधारण था और वह साहित्य की विविध दिशाओं में व्याप्त था। उन्होंने व्याकरण, काव्य, छंद, न्याय, दर्शन, कथासाहित्य, ज्योतिष, सामुद्रिक, मंत्र, यंत्र, अध्यात्म आदि अनेक विषय के ग्रंथों की रचना की है । अध्यात्मविषयक तीन ग्रंथों की उन्होंने रचना की है । (१) मातृकापसाद (२) ब्रह्मबोध और (३) अहंद्गीता। इन तीन ग्रंथों में से अहंद्गीता का परिचय यहां दिया जाता है। ___ ब्राह्मण-परंपरा में गीताग्रंथ ख्यातनाम है जो महाभारत का एक अंश है । गीता में अठारह अध्याय हैं और उनका अन्य नाम ब्रह्मविद्या निरूपक योगशास्त्र है। (“ ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादे " ) गीता भारतीय साहित्य का उतम ग्रंथरत्न है, ऐसा सर्व पंडितों का अनुमान है। __ जैनेतर परंपरा में जो साहित्य विशिष्ट सुप्रसिद्ध और आत्मशोधन आदि के लिये उपयोगी था, जैनेतर साहित्य के अनुकरणरूप जैनाचार्योंने भी वैसा और वैसे ही नाम के साहित्य का सृजन करने का कभी २ प्रयत्न किया है। ऐसे प्रयत्नों से वे साक्षर और सामान्य
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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