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________________ १२० श्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरि-स्मारक-ग्रंथ और सं० १९२९ का रतलाम में चौमासा । संवेगी झवेरसागरजी और यति बालचन्द्रोपाध्यायश्री से त्रिस्तुतिक सिद्धान्त विषय पर शास्त्रार्थ और उस में विजयप्राप्ति और 'श्रीसिद्धान्तप्रकाश' ग्रन्थ का निर्माण । शेष काल में विहार, अनेक स्थलों पर विपक्षियों द्वारा परीषह-सहन । परन्तु धीर, वीर, गंभीर रह कर श्रीवीर-संदेश जनता को सुनाना । (२३) सं० १९३० का जावरा में चौमासा और विपक्षियों को उचित शिक्षा । चातुर्मास के पश्चात् मारवाद में पदार्पण । (२४) सं० १९३१ तथा १९३२ के दोनों चौमासे आहोर में किये । आहोर संघ में बड़े भारी कलह को मिटाया। बाद में 'घनसार चौपाई' तथा ' अफ्टकुमार चौपाई ' की रचना व वरकाना में अमरश्रीजी, लक्ष्मीश्रीजी को दीक्षा । (२५) मरुधर में वीरसिद्धान्त प्रचारार्थ सं० १९३३ का जालोर में चौमासा और स्थानकमार्गियों से शास्त्रार्थ । जालोरगढ पर प्राचीन जिनालयों को सरकारी आधिपत्य से मुक्त कर उनका उद्धार करवाना और माघ शु० ७ रविवार को भारी समारोहपूर्वक प्रतिष्ठा करना । यहीं पर 'धातुपाठतरंग' पथबद्ध की रचना । मरुधर से विहार कर १७ दिन में ही जावरा ( मालवा ) में पदार्पण । जावरा में फाल्गुण शु० ५ रविवार को छोटमासी पारस के मंदिर के लिए ३१ जिनप्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा और उनकी मंदिर में संस्थापना । फाल्गुण शु० २ को मोहनविजयजी को दीक्षा । (२६) सं० १९३४ का राजगढ़ में चौमासा। '१०८ बोल का थोकड़ा' की रचना और श्रीविद्याश्रीजी को दीक्षा। (२७) सं० १९३५ वैशाख शु० ७ शनिवार को कूकसी में २१ जिनप्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा । (२८) सं० १९३५ का रतलाम में चौमासा तथा 'कल्याणमंदिर-स्तोत्र प्रक्रिया टीका' की रचना । चौमासे के बादः मरुधर में पदार्पण । (२९) सं० १९३६ का भीनमाल में चौमासा। माघ शु० १० को आहोर में प्राचीन चमत्कारी श्रीगौड़ीपार्श्वनाथ प्रतिमा की प्रतिष्ठा। श्रीटीकमविजयजी को दीक्षा और गोलपुरी में 'सकलेश्वर्य स्तोत्र' का निर्माण और 'प्रश्नोत्तरपुष्पवाटिका' की रचना । (३०) सं० १९३७ का शिवगंज में चौमासा । चातुर्मास के पश्चात् मालवे में पदार्पण। (३१ ) सं० १९३८ का अलीराजपुर में चौमासा । चौमासे के पश्चात् राजगढ में पदार्पण । श्रीमोहनखेड़ा मंदिर की रचना प्रारम्भ । ‘अक्षय तृतीया' कथा संस्कृत की रचना ।
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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