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________________ श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ नवनिर्मित जिनालय में भगवान श्री सुपार्श्वनाथजी, श्री गौतमस्वामजी, गुरुदेव श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी म. आदि का प्राण प्रतिष्ठा अष्टान्हिका महोत्सव सहित दिनांक 21-4-1999 को पूज्य राष्ट्रसंत शिरोमणिजी म. एवं श्रमणीवर्य साध्वी श्री प्रसन्नश्रीजी म. साध्वी श्री पुष्पाश्रीजी म., साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. आदि के पावन सान्निध्य में सानन्द सम्पन्न हुआ। इस प्रतिष्ठोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती जमुनादेवी तथा अयक्ष के रूप में वन मंत्री श्री शंकर सोढी और विशेष अतिथि के रूप में श्री माणक अग्रवाल, श्री मोतीलाल दवे, विधायक, श्री सुमेरमल लुंकड, श्री हिम्मत कोठारी, आदि भी उपस्थित थे। सिमलावदा में पूज्य आचार्यश्री के सान्निध्य में एवं प. श्री कोंकण केसरीजी म. की प्रेरणा से अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन फेडरेशन की शाखा का गठन भी हुआ । सिमलावदा प्रतिष्ठोत्सव की समाप्ति के पश्चात् पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि आदि मुनि मंडल एवं साध्वी वृंद ने नागदा जिला उज्जैन की ओर विहार किया । जहां स्व. श्री लोकेन्द्रविजयजी म.सा. की पुण्य स्मृति में नवनिर्मित श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ आदि जिनबिम्बों एवं श्री पद्मावती, श्री नाकोड़ा भैरवनाथ की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा पंचान्हिका महोत्सव सहित होनेवाली थी । दिनांक 25-4-1999 को पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि, पू. कोंकण केसरजी म. आदि मुनिमण्डल एवं साध्वी वृंद का समारोहपूर्वक नगर में स्थान स्थान पर तोरण द्वार बनाये गये थे । यहां का प्रतिष्ठोत्सव दिनांक 28-4-99 को हर्ष एवं उल्लासमय वातावरण में सानन्द सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर म. प्र. शासन की आदिमजाति कल्याण मंत्री श्रीमती उर्मिलासिंह विशेष रूप से उपस्थित हुई । स्मरण रहे कि यह जिनालय समाजसेवी श्री मनोहरलाल चौरडिया ने अपने माता-पिता की स्मृति में महिदपुर रोड नाका, नागदा पर बनवाया है। इस अवसर पर संगीत के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए। नागदा का प्रतिष्ठोत्सव सम्पन्न होने पर पूज्य आचार्यश्री एवं श्री कोंकणकेसरी जी म. ने अपने साधु-साध्वी वृन्द के साथ जावरा की ओर विहार किया । नागदा से खाचरोद, बड़ावदा आदि मार्गवर्ती ग्राम-नगरों में धर्मप्रचार करते हुए आप जावरा पधारे, जहां श्रीसंघ जावरा ने सभी का भावभीना स्वागत कर समारोहपूर्वक नगर प्रवेश करवाया। जावरा में स्थानीय चौपाटी स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर के पास नाहटा परिवार द्वारा प्रदत्त भूमि एवं सहयोग से ट्रस्ट मंडल द्वारा नवनिर्मित मंदिर में अधिष्ठायिका देवी श्री पार्श्वपद्मावती की मूर्ति स्थापना समारोह हर्षोल्लास के साथ भव्य रूप से सम्पन्न हुआ । इस निमित्त पूर्व में एक भव्य चल समारोह श्री राजेन्द्र सूरि जैन दादावाडी से निकाला गया । चल समारोह में आचार्य श्रीमद् विजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के साथ ज्योतिषाचार्य मुनिराज श्री जयप्रभ विजयजी म., कोंकण केसरी मुनिराज श्री लेखेन्द्रशेखर विजयजी म. सहमुनि मंडल एवं साध्वी मंडल चल रहे थे । यह चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ चौपाटी स्थित नवनिर्मित मंदिर को प्रांगण में पहुंचकर धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हो गया । पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के पावन सान्निध्य में मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ | श्री संघ एवं चौपाटी ट्रस्ट मंडल की ओर से आचार्यश्री को काम्बली ओढाई गई । यहां श्री पार्श्व पद्मावती देवी की महापूजन भी पढ़ाई गई । जावरा के कार्यक्रम सम्पन्न कर पू. राष्ट्रसंत शिरोमणि ने साधु साध्वियों के साथ जावरा से विहार कर दिया । मार्गवर्ती रतलाम आदि ग्राम-नगरों में जिनवाणी का संदेश देते हुए आचार्यश्री दिनांक 8-5-99 को श्री मोहनखेडा तीर्थ पधारे । आपके यहां आगमन के साथ ही विभिन्न ग्राम-नगरों के श्रीसंघों का भी आगमन हुआ । दिनांक 10-5-99 को आयोजित धर्मसभा में विभिन्न ग्राम-नगरों के श्रीसंघों ने आपश्री की सेवा में वर्षावास हेतु अपनी अपनी भावभीनी विनतियां प्रस्तुत की । पूज्य राष्ट्रसंत शिरोमणि गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. ने सबकी विनतियां ध्यानपूर्वक सुनी और देशकाल परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सं. 2056 के वर्षावास के लिये राणीबेन्नूर जिला हावेरी (कर्नाटक) श्रीसंघ को साधु भाषा में स्वीकृति प्रदान की । इस घोषणा के साथ ही उपस्थित गुरुभक्तों के जयजयकार के निनादों से गगन मंडल गुंजा दिया । स्मरण रहे कि दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों के श्रीसंघ प... राष्ट्रसंत शिरोमणि जी म.सा. के वर्षावास के लिये कई वर्षों से विनंती करते आ रहे थे । हेमेन्द्र ज्योति* हेमेन्द्र ज्योति 47 हेमेन्द ज्योति* हेमेन्द्र ज्योति HITrollstone
SR No.012063
Book TitleHemendra Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLekhendrashekharvijay, Tejsinh Gaud
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2006
Total Pages688
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size155 MB
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