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करचलया में पूर्ण उत्साह से श्रीसंघ द्वारा स्वागत
दिनांक 05.03.2004 लगभग सायं 5:30 बजे करचलया नगर पहुँचे वहां पूरे का पूरा श्रीसंघ बच्चे-श्रावक-श्राविकाएं एवम् परम पूज्य साध्वी यशकीर्ति श्री जी महाराज रथयात्रा के स्वागत के लिए आई हुईं थीं, सर्वप्रथम साध्वी जी महाराज ने सामूहिक गुरुवन्दन किया। तत्पश्चात् संघ ने माला पहना कर गुरुदेव का अभिनन्दन किया। बैंड-बाजे के साथ शोभायात्रा प्रारम्भ हुई, युवा-वर्ग बैंड बाजे के साथ झूम रहा था, नाच रहा था, गुरुदेव पर अपना सर्वस्व अर्पण कर रहा था, सभी भक्तजन गा रहे थे, "बहुत दिन से पधारे गुरुराज, हमारे मन के फूल खिले, आज जागे हमारे हैं भाग, हमारे मन के फूल खिले
वर्षों के बाद गुरु आप यहाँ आए,
खुशियों के बादल इस बगिया में छाए।" रथयात्रा ने पूरे गाँव का भ्रमण किया। रास्ते में जितने भी श्रावकों के घर आए सब ने गहुँली कर गुरुदेव का अभिनन्दन किया। जितना उत्साह करचलया के श्रीसंघ में देखा गया इतना उत्साह अभी तक किसी संघ में नहीं देखा गया। श्रीसंघ के अत्यधिक अनुरोध तथा साध्वी महाराज के उपदेश से रात्रि विश्राम यहीं पर करना पड़ा। रात्रि में भावभक्ति का भजन संध्या' कार्यक्रम रखा गया था जिस में पूरे संघ का बच्चा-बच्चा आया हुआ था। बोली द्वारा आरती करवाई गई। यहां के हर एक घर-परिवार ने सहयोग राशि प्रदान की, यह भी एक रिकार्ड है।
बोडेली में रथयात्रा का अभूतपूर्व स्वागत दिनांक 06.03.2004 सायं 5 बजे विजय वल्लभ रथयात्रा बोड़ेली पहुंची यहां पर पूरा श्रीसंघ स्वागत के लिए पहुँचा हुआ था, साध्वी जी महाराज भी थे, माल्यार्पण बोली द्वारा किया गया। शोभायात्रा बैंड-बाजे के साथ प्रारम्भ हुई गुरुकुल के छात्र, लफनी से साध्वी जी महाराज भी लड़कियों के साथ आए हुए थे, रथयात्रा में शामिल हो कर अपनी गुरुभक्ति का परिचय दे रहे थे। वहाँ से रथयात्रा जेतपुर पावी में पहुंची, बोली द्वारा गुरुप्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। रात्रि में भावना कीर्तन किया गया। आरती भी बोली द्वारा करवाई गई।
इन्दौर में रथयात्रा का भावभीना स्वागत
दिनांक 07.03.2004 सायं 6 बजे रथयात्रा इन्दौर पहुंची जहां पूज्य साध्वी जी महाराज तथा श्रीसंघ ने भावभीना स्वागत किया, गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, गुरुवन्दन किया गया।
उज्जैन नगरी में रथयात्रा की धूम
दिनांक 07.03.2004 रात्रि में 8:30 बजे रथयात्रा उज्जैन नगरी में पहुंची यहां श्रीसंघ ने रथ का भावभीना स्वागत किया, साध्वी शीलपूर्णा श्री जी यहां विराजमान थीं। साध्वी जी महाराज, मुख्य ट्रस्टी श्री शंकरलाल लेकोड़ा वाला श्री राकेश जैन अध्यक्ष तपागच्छ मूर्तिपूजक संघ ने अपने मधुर भजनों द्वारा गुरुदेव की महिमा गान करके भावभीने श्रद्धापुष्प अर्पित किए। तपागच्छ संघ फरीगंज उज्जैन के श्रावक-श्राविकाएं अच्छी संख्या में आए, भक्ति भावना का अत्यंत सुन्दर कार्यक्रम हुआ। संघ के श्रावकगण झूम-झूम कर नाचते हुए गुरुवर के प्रति अपनी भक्तिभावना प्रस्तुत कर रहे थे। आरती के पश्चात् प्रभावना भी बांटी गई।
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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