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स्व: मोहनलाल बाठिया स्मृति ग्रन्थ
देदीप्यमान नक्षत्र
तेरापंथ समाज के दैदीप्यमान नक्षत्र श्री मोहनलालजी बांठिया ने जैन वांग्मय में अपना आलोक दिया। जैन आगमों का विषय निर्वाचन कर उसकी व्याख्या करने का जो अद्वितीय कार्य उन्होंने शुरू किया है वह उत्तरोत्तर विकसित हो यह कामना है। उनकी इन विषयों पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई जो जैन समाज में एक प्रेरणा के रूप में सबके समक्ष
उनमें संगठन शक्ति विलक्षण थी। कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की उनमें अदभुत कला थी। कार्यकर्ताओं की भूलों को वे अपने सिर पर ओढ़ते और यश कार्यकर्ता को देते थे। उनका नेतृत्व विना किसी लाग-लपट के था। ऐसे कुशल नेता के लिए स्मृति ग्रन्थ बहुत पहले ही प्रकाशित हो जाना चाहिए था, पर अब भी वह प्रयास किया, वह भी ऐतिहासिक ही माना जायेगा। में इस स्मृति ग्रंथ की सफलता की कामना करता हूं।
- धर्मचन्द राखेचा मंत्री, पश्चिमबंग प्रादेशिक अणुव्रत समिति, कलकता
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