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प्रेरक प्रसून
ज्ञान के धनी
श्री मोहनलालजी बांठिया ने अनेक संस्थाओं के उच्च पदों पर रहकर समाज की सब दिशाओं में कार्य किया।
जहां जैन दर्शन साहित्य आगमोतर ज्ञान के धनी थे, वैसे ही समाज के उन्नयन के लिए वे सदैव सन्नद्ध रहे।
ओसवाल नवयुवक समिति में उनके साथ युवकों का समूह कार्य करता । 'ओसवाल' पत्र का वे सम्पादन, व्यायाम की प्रवृत्ति संचालन में वे हमेशा प्रस्तुत रहे।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के उच्च पदों पर रहकर अपने दायित्व के प्रति सजग रहे।
ऐंसे सेवाभावी प्रतिभा सम्पन्न नेता के प्रति स्मृति ग्रंथ का प्रकाशन एक स्तुत्य प्रयास है।
- श्रीचन्द नाहटा पूर्व मन्त्री, जैन सभा
कुशल मार्गदर्शक
श्री मोहनलालजी बांठिया चूरू मांय हनूतमलजी ने अंग्रेजी पढ़ाने आता हा । तथा बहुत ही हुसीयार हा । उस टाइम जमाने में चूरू मांय ओसवाल समाज मांय इतनी पढ़ाई किसी ने भी करी नहीं तथा बहुत ही हुसियार हा तथा जैन आगम ग्रंथ मांय ईनाने काफी हुसियारी लगन सुंकाम समाज मांय करो है।
रावतमल बांठिया
बम्बई
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