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स्व: मोहनलाल बाठिया स्मृति ग्रन्थ
श्री मोहनलालजी बांठिया एक जीवट वाले चिंतनशील व्यक्ति थे। उनमें नेतृत्व की सार्थक क्षमता थी फिर भी व्यवहारतः वे कभी नेता नहीं रहे। गजब की उनमें साथीपन की भावना थी साथियों के बीच वे सदा साथी बनकर रहते थे और साथी भी उनके साथ साथीपन निभाते थे। उनके संबंध में मैने कितना क्या लिखा कुछ ख्याल नहीं है। स्मृतियों का भी स्मरण अब कुछ कम हो गया है। उनके साथ आप लोगों का जितना सम्पर्क रहा उतना मेरा नहीं रहा फिर भी जितना रहा वह अपने आप में महत्वपूर्ण रहा।
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