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कर्तव्यनिष्ठ नेता
- अणुव्रती मोहनलाल जैन संस्थापक, अणुव्रत विश्व भारती (अणुविभा), राजसमन्द
स्व. मोहनलालजी बांठिया की स्मृति ही मन को कर्तव्य के प्रति प्रेरित एवं कार्य प्रति उत्साह भर देती है । स्व. मोहनलालजी बांठिया स्मृति ग्रंथ के प्रकाशन का निर्णय स्तुत्य है ।
श्रद्धा सुमन
स्व. मोहनलालजी बांठिया की रिक्त स्थान की पूर्ति आज तक नहीं हो सकी। वे कार्यकर्ताओं के प्रिय थे तथा कार्यकर्ता उनके प्रिय थे। कार्यकर्ताओं के बीच में पूर्णता अनुभव करते थे । मोहनलालजी बांठिया एवं कार्यकर्ता अन्योन्याश्रित थे, एक दूसरे के पूरक थे ।
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स्व. मोहनलालजी बांठिया परिस्थितियों के दास नहीं थे । अस्वस्थता के बावजूद भी उनके कार्यक्रम या यात्राएं बन्द नहीं रहती थीं। पूज्य श्री गुरूदेव के दर्शनार्थ आते तो कब क्या स्थिति आ जाए उसके उपाय स्वरूप वे आक्सिजन सलेण्डर आदि सामान साथ रखते थे ।
साफ सफेद वस्त्र, सिर पर सफेद टोपी और साफ स्पष्ट व्यवहार उनकी "सादा जीवन उच्च विचार" की पहचान थी । विचार भिन्नता होने पर कठोरता तो थी पर अपनापन का त्याग नहीं था । मैंने दोनों स्थितियों में उनका स्नेह प्राप्त किया था।
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अपने समाज में जब व्यापक एवं सार्वजनिक चिन्तन के लोगों का अभाव था तब वे इस दिशा में अग्रगामी थे । उन्होने अच्छी शिक्षा प्राप्त की और उसका अच्छा उपयोग किया।
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