________________
प्रमुख तत्ववेत्ता
Jain Education International 2010_03
- सोहनराज कोठारी, बालोतरा भूतपूर्व जिला न्यायाधीश, राजस्थान
स्व. मोहनलालजी बांठिया जैन समाज के प्रमुख तत्ववेत्ता, शास्त्रज्ञ एवं विशुद्ध प्रज्ञा के धनी थे। उनकी प्रथम प्रकाशित पुस्तक 'लेश्या कोश' उनके हाथों से मुझे प्राप्त होने का सौभाग्य मिला था। लेश्या कोश मे जैन धर्म की इस विशिष्ट सिद्धान्त शैली को विशद एवं विविध प्रकार से उजागर किया गया है जो उनके गहन अध्ययन, सम्यक विश्लेषण व प्रबुद्ध चिन्तन का परिचायक है । बाद में 'क्रिया कोश' में उनकी प्रज्ञा और अधिक मुखरित हुई है । वे तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष थे व रायपुर अग्नि परीक्षा प्रकरण में उन्होने तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष के नाते बड़ी शालीनता व गांभीर्य का परिचय दिया । उस समय मुझे कुछ दिनों उनके निकट रहने का अवसर मिला और मैंने उनसे अनुपमेय विद्वता के साथ सरलता, सहजता व सात्विकता के विरल गुणों से साक्षात किया। अपनी अध्यात्म परक प्रखर विचार धारा के कारण व्यवस्था की कमियों के साथ वे कभी तालमेल करना पसन्द नहीं करते थे । उनकी उन्तश्चेतना से प्रवाहित मेधा समाज के लिए सदा प्रेरक रहेगी ।
श्रद्धा सुमन
६१
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org