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२. जैन कला एवं चित्रों के एक संग्रहालय, जैन साहित्य के एक पुस्तकालय तथा
जैनालाजी के अध्ययन के लिए गठित राष्ट्रीय परिषद के कार्यालय की स्थापना रु० ५.०० ३. भगवान महावीर बाल केन्द्र (प्रत्येक राज्य में एक)
रु० १०.०० ४. देहाती पुस्तकालय केन्द्रों की स्थापना (प्रत्येक राज्य में एक) ५. भगवान महावीर की जन्म भूमि वैशाली में एक स्मारक का निर्माण
रु० २.५० ६. जैनालाजी के अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए एक स्वायत्तशासी राष्ट्रीय परिषद की स्थापना
रु. १०.०० ७. प्रकाशन योजना
रु० ४.०० ८. भगवान महावीर के जीवन एवं शिक्षाओं सम्बन्धी प्रकाशन
रु० ०.५० ९. अन्य समारोह
रु० २.०० योग
रु. ५०.०० परिशिष्ट-घ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भगवान महावीर के २५०० में निर्वाण महोत्सव वर्ष में सम्पन्न कछ उल्लेखनीय कार्यक्रमों का विवरण प्राप्त सूचनाओं के आधार पर; जिन स्थानों या जिलों से कोई सूचनाएँ प्राप्त नहीं हुई, उनका विवरण नहीं दिया जा सकाअल्मोड़ा
अध्यक्ष--श्री सुशीलचन्द्र त्रिपाठी, जिला अधिकारी सचिव-श्री जगदीश चन्द्र भट्ट, जिला हरिजन तथा समाज कल्याण अधिकारी
इस जनपद में जैन धर्मानुयायी नहीं हैं फिर भी जिला अधिकारी श्री त्रिपाठी एवं समिति के सदस्यों के विशेष रुचि लेने के कारण
(i) २४ अप्रैल १९७५ को रामजे इण्टर कालेज अल्मोड़ा के प्रांगण में अध्यक्ष नगरपालिका की अध्यक्षता में एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया जिसमें नगर के गणमान्य व्यक्ति, राजनैतिक दलों के नेता गण, शिक्षा संस्थाओं के आचार्यों एवं पत्रकारों ने भाग लिया। विद्वान वक्ताओं ने भ. महावीर स्वामी द्वारा प्रतिपादित जैन धर्म तथा भारतीय संस्कृति व जन मानस पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
(ii) स्थानीय शिक्षा संस्थाओं के सहयोग से "जैन धर्म का भारतीय संस्कृति में योगदान" "विश्व की समस्याओं का निदान अहिंसा में हैं", "भारतीय संस्कृति पर जैनधर्म का प्रभाव" आदि विषयों पर निबन्ध प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
(iii) भगवान महावीर के जन्मदिवस एवं निर्वाणदिवस को जिले के सभी बूचड़खाने व शराब की दुकानें बन्द रखी गईं। अलीगढ़
संरक्षक--श्री के. किशोर, आयुक्त, आगरा मंडल अध्यक्ष--श्री नरेश चन्द्र सक्सेना, जिला अधिकारी महामन्त्री-श्री एस. के. शर्मा, अति. जिला अधिकारी, अलीगढ़
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