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________________ HEROEMEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEET ACT तर सरकार विधान भवन, लखनऊ दिनांक नवम्बर २, १९७५ मुझे जानकर बड़ा हर्ष हआ कि श्री महावीर निर्वाण समिति, उत्तर प्रदेश, भगवान महावीर के एक बृहद् स्मृति ग्रन्थ का प्रकाशन कर रही है। HEERIEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEERIAL भारत में समय-समय पर ऐसे युग पुरुषों ने जन्म लिया है जिन्होने अपने देश में ही नहीं वरन् संसार में विचारों की क्रान्ति उत्पन्न कर दी। भगवान महावीर भी भारत की उन महान विभूतियों में से एक हैं जो न केवल एक महान विचारक और विद्वान थे परन्तु वे विश्व शान्ति के अग्रदूत भी थे। इस महापुरुष की वैयक्तिक, सामाजिक एवं दार्शनिक विचारधारा के साथ आध्यात्मिक विचारधारा का विश्लेषण इस प्रमाण का प्रतीक है कि उन्होंने संसार की सम्पूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए अध्यात्म जगत का सूक्ष्म निरीक्षण कर सांसारिक व्यथाओं में फंसे प्राणी के समक्ष एक सच्चा सीधा मार्ग उपस्थित किया है। उनके त्यागपूर्ण जीवन और सिद्धांतों का अनुसरण हमारे समाज को एक नया जीवन दे सकता है। AAAAAAAAEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE मैं राज्य समिति के इस प्रयास की सफलता की कामना करता हूं। -जगदीश शरण अग्रवाल स्वायत शासान मंत्री, उ०प्र० AAAAAAAAAAAEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEED Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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