________________
[ ९३
श्री गुणधरलाल, कुरावली (जि० मैनपुरी ) - १९२९ ई० से कांग्रेस में कार्यरत रहे, नमक कानून-भंग आंदोलन में भाग लेने के कारण एक वर्ष का कठिन कारावास और १०० रु० जुर्माना हुआ, घर की आर्थिक स्थिति शोचनीय हो गई ।
ख - ६
श्री देश दीपक जैन, कुरावली - श्री गुणधरलाल के सुपुत्र, १९४० ई० से ही स्वातन्त्र्य संग्राम में गये और १९४२ में १४ मास का कठोर कारावास तथा १५० रु० जुर्माना भुगता । जेल जाने से कपड़े की दुकान जो थी ठप होगई।
सेठ दरबारी लाल, कुरावली - श्री देशदीपक के सहयगी थे, कारावास और ५०० रु० जुर्माना हुआ । इनके पीछे कई आत्मीयों की हुई। जेल से छूटकर मंडल कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रहे ।
ललितपुर जिला
मथुरा प्रसाद वैद्य, ललितपुर ( जन्म मेहरोनी वि०स० १९५१) जेल यात्रा १९३० व १९४२ ई०, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष १९४१-१९४७ ई० ।
१९४२ के आन्दोलन में इन्हें १ वर्षं का मृत्यु हो गई तथा आर्थिक हानि भी बहुत
वृन्दावन इमालिया, ललितपुर (जन्म १९१२ ई०), जेल यात्रा १९३० एक वर्ष, १९३२ दिल्ली ६ सप्ताह, १९३२ जिला झांसी ६ माह । प्रथम पंक्ति के रण बांकुरों में हैं, जिन्होंने आजादी के संघर्ष में सब कुछ होम कर दिया था ।
हुकुमचन्द्र बुखारिया 'तन्मय', ललितपुर (जन्म १९२९ ई० ), १९४२ में ९ वर्ष का कठोर कारावास व १०० रु० आर्थिक दण्ड । १९-२० वर्ष की अवस्था में ही राष्ट्रीय संग्राम में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया था ।
उत्तमचंद्र कठरया, ललितपुर, जेलयात्रा अगस्त १९४२ में १ वर्ष तथा १०० रु० अर्थ - दण्ड । गोविंददास सिंघई, ललितपुर (जन्म १९१३), जेलयात्रा १९३२ में १ वर्ष । गोविदास जैन, ललितपुर ( जन्म १९११ ई० ), जेलयात्रा १९४१ ६ माह । हुकुम चंद बड़धरिया, ललितपुर ( जन्म वि १९७८), जेलयात्रा
अर्थ दण्ड |
राम चंद्र जैन, ललितपुर, जेलयात्रा १९४२ में १ वर्ष व १०० रु० अर्थ - दण्ड ।
पं० परमेष्ठीवास जैन, ललितपुर, (जन्म १९०७ई० ) जेलयात्रा १९४२ में ४ माह | हिन्दी भाषा का प्रचार जिसमें आप पूरी तन्मयता से लगे रहे । सन्
कार्य महात्मा 'गान्धी के रचनात्मक कार्यों में एक महत्वपूर्ण कार्य था १९४२ के स्वाधीनता आन्दोलन में आपने अपने लेखों और भाषणों से की प्रेरणा दी, तथा स्वयं उस आन्दोलन में सक्रिय भाग बाद में साबरमती जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। सहस्राधिक जेल - साथियों को राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा की परीक्षाओं में सम्मिलित करवाया ।
Jain Education International
१९४२ में, १ वर्ष तथा १०० रु०
अनेक व्यक्तियों को सत्याग्रह आन्दोलन करने लेते हुए बन्दी बनाए गए । पहले सूरत जेल में रखे गये, जेल में भी स्व० श्री जी० वी० मावलंकर के सहयोग से
श्रीमती कमला देवी, ललितपुर, धर्मपत्नी पं० परमेष्ठी दास, (जन्म १९१६) जेलयात्रा १९४२ में ५ माह । सन १९४२ ई० के जन-आन्दोलन में सक्रिय भाग लेते हुए भारत रक्षा कानून की आप जेल में ५ माह रहीं । उस समय दफा १४४ को भंग करके जुलूसों का नेतृत्व किया था,
For Private & Personal Use Only
दफा ५६ के अन्तर्गत सभाबन्दी कानून भंग
www.jainelibrary.org