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श्रीमती शरबती देवी - आप स्वर्गीय बाबू सांमलदासजी की सुपुत्री थीं, १९३० के आंदोलन में आपको कारावास में कठोर सजा भुगतनी पड़ी थी, बाद में अर्जिका हो गयीं।
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बाबू प्रतापचन्द – आप ने १९३० में कांग्रेस की आर्थिक सहायता के लिए बहुत उद्योग किया था । बाबू कपूरचंद व नेमीचंद जैन के मित्र होने के कारण आप सरकारी नोकरी से मुअत्तल कर दिये गये थे।
बाबू फूलचन्द बरवासिया – फूलचंद बजाज, प्यारेलाल बजाज आदि ने सन् १९३० के ही आंदोलन से राष्ट्रीय कार्य किया, खादी प्रचार के कार्य में तथा दिगम्बर जैन मंदिरों में खादी के प्रचार के लिए काफी उद्योग किया । सन १९४२ के आंदोलन में भी काफी सहयोग दिया था ।
लाला करोड़ी मल आप सन १९३० से कांग्रेस के मुख्य कार्यकर्ता रहे, उस आंदोलन में खादी के प्रचार के लिए सत्याग्रह किया था तथा १९४२ के आंदोलन में भी बहुत काम किया था।
सरकार के गुप्तचर विभाग ने
आपकी भी देखरेख की थी ।
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ला० मोतीलाल - आप कांग्रेस के कामों में बराबर सहयोग देते रहते हैं। सन १९४२ के आंदोलन में 'आजाद हिन्दुस्तान' पर्चे बांटने के संदेह में आप को ६ माह की सजा हुई थी।
श्री शीतला प्रसाद - सन १९४२ के आंदोलन में आपने बहुत सहयोग दिया था।
बाबू सन्त लाल फिरोजाबाद — आपको सरकार द्वारा डाकबंगला जलाने के अपराध में पकड़कर जेल भेजा गया था परंतु केस साबित न होने पर आपको नजरबन्द कर दिया गया। मई १९४३ में आपको इस शर्त पर छोड़ा गया कि आप थाने में हाजिरी दिया करें परन्तु आपने सरकार की इस आज्ञा को न माना अतः पुनः नजरबंद कर दिये गये और अक्टूबर १९४६ में छूटे ।
श्री राम बाबू फिरोजाबाद - आप और श्री संतलाल पर एक ही जुर्म लगाया गया था । उनके साथ ही साथ कारागृह में रहे ।
श्री वसन्त लाल फिरोजाबाद - आप भी सन्तलाज और राम बाबू की भांति डाक बंगला जलाने के अपराध में गिरफ्तार हुए थे परन्तु जुर्म न साबित होने पर नजरबन्द कर दिये गये थे और मई, ४३ में शर्त लगाकर छोड़ दिये गये थे । कुछ दिनों बाद पुनः शर्त तोड़ने के कारण गिरफ्तार किये गये ।
श्री नत्थी लाल जैन —- १९४२ के आन्दोलन में रिलीफ आदि के अनेक कार्यों में आपने बहुत सहयोग दिया था। आप की मित्र मंडली से भी आंदोलन को काफी सहयोग मिला था।
बाबू हुकुमचन्द जैन – आपने १९४२ के आन्दोलन में बहुत काम किया था।
बाबू दरबारीलाल जैन वकील - १९४२ के आन्दोलन में आपने सक्रिय भाग लिया था ।
बाबू रतनलाल बंसल - आप १९४२ के आन्दोलन में नजरबन्द किये गये थे। ।
बाबू मानिक चन्द जैन फिरोजाबाद- सरकार ने आप को १९४२ के आन्दोलन में भाग लेने के जुर्म में जेल भेजा था ।
श्री राजकुमार फिरोजाबाद - १९४२ के आन्दोलन में आप पर पुलिस ने यह अभियोग लगाया था कि इन्होंने डाक बंगला जलाया है । आप को नजरबन्द कर दिया गया और मई १९४३ में छोड़ा गया परन्तु पुनः शर्त तोड़ने पर गिरफ्तार कर अक्टूबर १९४३ तक नजरबन्द रखा गया ।
श्री धनपत सिंह जैन फिरोजाबाद- आप श्री राजकुमार जैन के ज्येष्ठ भ्राता थे, उनके ही केस में अभियुक्त ही नहीं, लीडर मानकर पुलिस ने गिरफ्तार किया था और सवा साल तक जेल में रखा था।
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