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Press Secretary to the President
Rashtrapati Bhavan, New Delhi-110004 October 15, 1975
सत्यमेव जयते
___The President is glad to know from your letter of 6th October, 1975, that Shri Mahavir Nirvan Samiti, Uttar Pradesh, will bring out a Souvenir, 'Bhagwan Mahavir Smriti Granth', in Novenber, 1975. He Sends his best wishes for the success of your endeavour and hopes that the teachings of Mahavir will further inculcate the feelings of tolerance and good-will among the young generation.
-A. M. Abdul Hamid
उपराष्ट्रपति, भारत
नई देहली अक्टूबर १०, १९७५
RAMERA सत्यमेव जयते
मुझे प्रसन्नता है कि श्री भगवान महावीर निर्वाण समिति, उत्तर प्रदेश, भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव के एक वर्षीय कार्यक्रम के समापन पर 'भगवान महावीर स्मृति ग्रन्थ' का प्रकाशन कर रही है, जिसमें जैन तत्व दर्शन तथा संस्कृति, कला सम्बन्धी विद्वानों के लेखों को संग्रहीत करके भगवान महावीर के उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का सार्थक प्रयास किया जायेगा।
भगवान महावीर एक महान मानवतावादी महापुरुष थे, जिनकी वाणी में समष्टिगत प्रेम की प्रतिष्ठा-साकार होकर भारत के जन-मानस तक पहुंची है । अहिंसा, सत्य तथा अपरिग्रह के मूल्यवान आदर्श व्यक्ति, समाज, राष्ट्र तथा समूची मानव जाति के लिये लाभदायक एवं मंगलकारी हैं। भगवान महावीर की पच्चीसवीं निर्वाण शताब्दी के अवसर पर उनके उपदेशों को मानव समाज तक पहुंचाना, एक सुन्दर प्रयास है। मुझे आशा है कि आपका यह ग्रन्थ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वाह में सफल होगा। इसकी सफलता के लिये मेरी शुभ कामनायें !
-ब० दा० जत्ती
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