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________________ सभा को देखकर लगा कि सभी निःस्वार्थ भावना के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सेवा के क्षेत्र में एवं साधना के क्षेत्र में सेवा कर रहे हैं। आदरणीय श्रीमान् सरदारमलजी सा० कांकरिया का जीवन अपने आप में महान् है । किस प्रकार वे पूरे समाज को साथ लेकर सहयोग की भावना से काम में लगे हैं, अनुकरणीय है। जैन हॉस्पिटल में भी जाने का सौभाग्य मिला जिस प्रकार रोगियों की निःस्वार्थ भावना के साथ सेवा की जा रही है वह अपने आप में एक कीर्तिमान है। यह शिक्षा के क्षेत्र में सभी पूरे भारतवर्ष में नाम कमाया है। आज के युग में पढ़ाई एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है और सभी ने इस महत्वपूर्ण कार्य को अपने हाथ में लेकर बच्चों का भविष्य सुन्दर बनाया है, सभी साधुवाद के पात्र हैं। ऐसे शुभ कार्य में आदरणीय श्रीमान सुन्दरलाल जी सा० दुग्गड़ का सभा के साथ होना सोने में सुहागा है। यह संस्था दिन दुनी, रात चौगुनी प्रगति के पथ पर निरन्तर आगे बढ़ती रहे एवं सेवा में निरन्तर अपनी भागीदारी निभाती रहे, इन्हीं शुभ मंगल भावनाओं के साथ। शान्तिलाल माण्डावत महामंत्री, श्री साधुमार्गी जैन मेवाड़ संघ 由鱼鱼 श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा ने अपने सेवा काल के ८ दशक पूर्ण किये हैं- यह संस्था के लिए गौरव की बात है नई-नई संस्थाओं के बीज अंकुरित होते हैं, पर अनेक संस्थायें ऐसी भी हैं, जिनका बीज मुर्झा गया है। कई संस्थाओं ने अपना अस्तित्व भी गवां दिया है। ईश्वर की अनुकम्पा से श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा सेवा क्षेत्र में वट वृक्ष की तरह अपनी जड़ें फैला रही है और समाज को अनुकरणीय योगदान दे रही है। श्री जैन विद्यालय और जैन हॉस्पीटल का आज कोलकाता में विशेष स्थान है। कार्यकर्त्ता नये-नये आयाम जोड़ रहे हैं। नयेनये कार्यकर्त्ता को आगे लाया जा रहा है। बिना किसी जाति-पांति के भेदभाव से आगे बढ़ना वास्तव में अनुकरणीय है। मैं सभा के कार्यों का निरन्तर विकास हो, कामना करता हूँ । पूनमचन्द जैन इण्डोर सेक्रेटरी, श्री विशुद्धानन्द हॉस्पिटल एंड रिसर्च इन्स्टीच्यूट, कोलकाता Jain Education International से में मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता के ट्रस्टी बन्धुओं ने मानव कल्याण की शिक्षा सेवा और साधना के आठ दशक से निरन्तर सेवा सहयोग समर्पण का कीर्तिमान स्थापित किया। इसको चिरस्थाई बनाने के लिए "अमृत महोत्सव" का रूप देकर एक आयोजन किया जा रहा है। इस अमृत महोत्सव पर एक पठनीय और जीवनपयोगी ' स्मारिका' का प्रकाशन करने जा रहे हैं। यह भगीरथ प्रयास सफल हो तथा स्मारिका हम सब के जीवन के लिए प्रेरणादायी बनें हार्दिक शुभकामनाएं 1 मनोहरलाल जैन पूर्व उपाध्यक्ष श्री अ०भा० साधुमार्गी जैन संघ ✰✰✰ श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा कलकत्ता सन् १९२८ में स्थापित शिक्षा, सेवा और साधना के कर्म क्षेत्र एवं लोक कल्याणकारी मानवसेवा, राष्ट्र हितैषी, सेवा आठ दशक पूर्ण कर नवम् में प्रवेश सत्कार्यों से सुशोभित हो रही है। सद्विवेक मानवता का सुन्दर उपहार है। मैंने कई बार प्रत्यक्ष रूप से विद्यालय में अपने जीवन का अमूल्य समय बिताया है। परम आदरणीय सरदारमलजी साहब कांकरिया एवं समर्पित सहयोगियों के कर्मठ सहयोग से यह सभा आज इस मुकाम पर पहुँची है कि मानव कल्याण के कार्य किये जा रहे हैं। जीवन निर्माण के दायित्व की ओर अग्रसर हो रही है मेरी ओर से स्मारिका के सफल प्रकाशन हेतु शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है स्मारिका पठनीय एवम् अनुकरणीय रहेगी। श्रीमती रत्ना ओस्तवाल राष्ट्रीय अध्यक्षा श्री अ०भा० साधुमार्गी जैन महिला समिति 面食魚 श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा शिक्षा, सेवा एवं साधना के अष्टदशक पूर्ण कर नवम दशक में प्रवेश कर रही है, यह निःसन्देह गौरवमय हैं संस्था की सेवाएँ अत्यन्त सराहनीय है। शिक्षा के क्षेत्र में संस्था की सेवाएँ चिर स्मरणीय रहेगी। संस्था ने शिक्षा सेवा एवं साधना के क्षेत्र में जिन ऊँचाईयों को प्राप्त किया है, वे अपने आपमें विलक्षण हैं, अनुकरणीय हैं, प्रशंसनीय हैं। मैं संस्था के उत्तरोत्तर विकास की शुभ कामना करता हूँ। संस्था शीघ्र ही अमृत महोत्सव आयोजित करने जा रही है, यह अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है। मैं अमृत महोत्सव की सफलता की मंगल कामना करता हूँ। संस्था के कर्मठ सेवाभावी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्त्ताओं को साधुवाद समर्पित करता हूँ। सजन सिंह मेहता अष्टदशी / 81 For Private & Personal Use Only 肉肉肉 www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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