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________________ पानमल मालू श्री श्वेतामबर स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता स्थानीय जैन समाज के विभिन्न समुदायों में से एक धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी अपने दायित्वों का पूर्ण निष्ठा व लगन से निर्वहन कर रही है। समाज के बुजर्गों द्वारा शिक्षा के उपवन में जो पौधा वर्षों पूर्व रोपा गया वह आज के शिक्षा प्रेमी अधिकारियों, कार्यकर्ताओं द्वारा सिंचित होकर सुखद छाया के साथ शीतल समीर एवं सुमधुर फल भी प्रदान करने लगा है। कोलकाता में शिक्षा के क्षेत्र में श्री जैन विद्यालय कोलकाता, हावड़ा व श्री जैन कॉलेज अपने नाम से जाने जाते हैं। इनकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है। स्थानकवासी जैन सभा ने न सिर्फ इन शिक्षण संस्थानों का निर्माण करवाया अपितु इनके सफल संचालन के दायित्व का भी निर्वहन किया है। विद्यालय में शिक्षारत विद्यार्थियों के प्रति शिक्षकों के वात्सल्य पूर्ण व जिम्मेदाराना दायित्व का ही नतीजा है कि बोर्ड की सेकेण्डरी व हायर सेकेण्डरी परीक्षा के परिणामों में शत-प्रतिशत सफलता। ___सभा द्वारा संयोजित बुक बैंक से इन स्कूलों के अलावा पश्चिम बंगाल के स्कूलों में अध्ययनरत जरुरतमन्द छात्रों को प्रति वर्ष नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें व कापियां उपलबध करवाई जाती हैं। श्री जैन विद्यालय कोलकाता और हावड़ा में अध्ययनरत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है उच्च शिक्षा प्राप्ति के इच्छुक विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुसार। सभा सामाजिक दायित्वों के निर्वहन करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं, विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर कैम्पों का आयोजन कर सिलाई मशीनें उपलब्ध करवाने के अलावा आर्थिक लाभ प्रदान करवाने हेतु विभिन्न जीवनोपयोगी कार्यक्रम भी आयोजित करती है। नव-वर्ष के शुभागमन पर प्रतिवर्ष सभा द्वारा प्रायोजित स्नेह मिलन समाज के सभी वर्गों, सभी समुदायों के लोगों में आपसी सौहार्द, स्नेह और संगठन को बनाये रखने हेतु अत्यन्त प्रशंसनीय कार्यक्रम है। समय-समय पर समाज के समर्पित भाव से कार्य करने वाले प्रबुद्ध कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन करना, सम्मान प्रदान करना भी सभा का सराहनीय कार्यक्रम है। चिकित्सा के क्षेत्र में सभा द्वारा संचालित जैन हास्टिपल आधुनिक साज सज्जा व अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित विशाल भवन से हावड़ा व आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों को आवश्यकता के अनुसार अपनी सेवायें प्रदान कर रहा है। यहां पर सभी तरह की चिकित्सा की व्यवस्था है। समय-समय पर कैम्प आयोजित कर मोतिया बिन्द के ऑपरेशन, विकलांग व्यक्तियों को अंगदान जयपुरी पांव व अन्य उपकरण यथा वैसाखी, साइकल इत्यादि की व्यवस्था भी सभा नि:शुल्क व अति सुविधा जनक शुल्क पर करती है। जैन हास्टिपल के डायलिसिस विभाग का कार्य भी अति प्रशंसनीय है। समाज के कमजोर (आर्थिक रूप से) व्यक्तियों को चिकित्सा के दौरान छूट का लाभ भी सभा प्रदान करती है। इस सभा के अन्तर्गत इतने सारे कार्यक्रमों के संचालन में श्री सरदारमलजी साहब कांकारिया की अगुवाई में सभा के अधिकारीगण, कार्य समिति के सदस्य वृन्द, विभिन्न विभागों, उप समितियों के संयोजक व सदस्य गण समाज व अन्य समाजों के सज्जनों के सहयोग से हो रहा है, यह अभिनन्दनीय है, प्रशंसनीय है, अनुकरणीय है। ___ मैं काफी समय से सभा द्वारा संचालित शैक्षणिक व चिकित्सकीय गतिविधियों से जुड़ा हुआ हूँ इन कार्यक्रमों के संचालन में, क्रियान्वयन के दौरान सभा के वरिष्ठ अधिकारी गणों, कार्य समिति के सदस्यों व अन्य सहयोगी बन्धु बान्धावों का जो स्नेह सहयोग मिलता है तदर्थ आभार। यह प्रेरणादायक है, अवर्णनीय है इन्हीं भावनाओं के साथ। ० अष्टदशी / 680 www.jainelibrary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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