SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 141
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ डी.एन.बी. कोर्स के लिए भी हॉस्पीटल ने आवेदन कर म.सा. के आगामी चातुर्मास हेतु हुआ है। यह संघ अपनी पूर्ण रखा है। स्वीकृति मिलने पर चार आर.एम.ओ. को इसमें ट्रेनिंग जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करे। मिल सकेगी। सभा के आठ दशक : सभा के ८० साल की पूर्णता के हॉस्पीटल में प्रतिवर्ष स्व. आचार्य श्री नानालालजी की अवसर पर एक महत्वपूर्ण आयोजन अमृत महोत्सव के रूप में पुण्य तिथि पर विभिन्न शिविरों के माध्यम से नि:शुल्क नेत्र । दिनांक १० फरवरी, २००८ को रविवार को साइन्स सिटी चिकित्सा, विकलांगों को पैर एवं पोलियो ग्रस्त को केलीपर देने सभागार में होगा। इस अवसर पर उदारमना दानवीर श्री का कार्य महिला विभाग द्वारा पर्युषण पर्व में महिलाओं से प्राप्त सुन्दरलालजी दुगड़ स्मारिका तथा श्री जैन हॉस्पीटल की 'सेवा सहयोग के आधार पर संपादित किया जाता है। महिला विभाग एक दशक स्मारिका' का लोकार्पण भी होगा। सभा का प्रथम अजमेर में श्रीमती प्रेमलता जैन द्वारा संचालित मणिपुंज संस्थान द्वितीय कवर का कार्यक्रम पोस्टल विभाग के सहयोग से सम्पन्न के अबोध अनाथ एवं निसहाय बच्चों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष होगा। इस आठ दशक आयोजन के संयोजक हैं कर्मठ सहयोग देती है। इसकी संयोजिका श्रीमती फूलकुंवर कांकरिया कार्यकर्ता सभा के ट्रस्टी श्री सरदारमलजी कांकरिया। हैं। रोटेरियन श्री सुभाषजी कांकरिया ने हॉस्पीटल में १००० श्री जैन विद्यालय कोलकाता : इस भवन में स्थित केन्टीन के आँख ऑपरेशन का जिम्मा लिया है। यह अच्छा सगुन है। वे पुनर्निर्माण एवं पुनर्रचना का संपूर्ण कार्य भाई श्री किशोरजी धन्यवाद के पात्र हैं। कोठारी की देखरेख में चल रहा है। जनवरी के अंतिम सप्ताह . इसकी प्रशासन समिति के अध्यक्ष श्री पन्नालालजी कोचर, तक यह कार्य पूर्ण होने की संभावना है। ग्राउण्ड फ्लोर में उपाध्यक्ष श्री विजयकुमारजी नाहटा, श्री सोहनराजजी सिंघवी, कैन्टीन व २ तल्ले पर ऑफिस, थर्ड फ्लोर में कम्प्यूटर रुम, श्री जयकुमारजी कांकरिया, मंत्री श्री सरदारमलजी कांकरिया, फिजिक्स एवं केमस्ट्री लेबोरेटरी होगी। कलकत्ता कॉरपोरेशन सहमंत्री श्री अशोकजी मिन्नी, श्री फागमलजी अभाणी एवं सह- द्वारा इसका पूर्णरूपेण स्वीकृत नक्शा मिल गया है। इस भवन संयुक्त मंत्री श्री सुभाषजी बच्छावत हैं। प्रशासक श्री सुरेश शर्मा को परा नया रूप देने का श्रेय भाई श्री किशोरजी कोठारी को है वे भूयसी साधुवाद के पात्र हैं. पीड़ित एवं रोग ग्रस्त मानव सेवा के उद्देश्य से श्री जैन अल्प संख्याक जैन : १३ दिसम्बर २००७ को अल्प हॉस्पीटल की स्थापना हुई है। बड़ी गरिमा पूर्वक इस हॉस्पीटल संख्यक मंत्री जनाब श्री अब्दुल सत्तारजी ने यह विधेयक विधान ने एक दशक पूर्ण कर अपना इतिहास रचा है। १० फरवरी सभा में प्रस्तुत किया जो ध्वनिमत से पारित हो गया। महामहिम २००८ को साइन्स सिटी में 'सेवा एक दशक' स्मारिका का राज्यपाल महोदय के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जायेगा। लोकार्पण होगा। इसके प्रथम, द्वितीय कवर के लिए भी प्रयास इसका सम्पूर्ण श्रेय कर्मठ कार्यकर्ता श्री रिधकरणजी बोथरा व चालू है। उनकी टीम के सदस्य श्री राधेश्यामजी मिश्र व श्री युधिष्ठिर साधना : इस वर्ष जैन क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया महतो को है। ये हमारे भूयसी साधुवाद के हकदार हैं। गया। एक सौ भाई बहनों ने इसमें भाग लिया। प्रतियोगिता में श्री विजयसिंह नाहर शताब्दी वर्ष : पश्चिम बंगाल के पूर्व उपप्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त दलों को सम्मान स्वरूप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री विजयसिंहजी नाहर का अच्छी राशि प्रदान की गई। सान्त्वना पुरस्कार भी प्रदान किये गतवर्ष शताब्दी वर्ष था। श्री नाहरजी सभा व विद्यालय के सच्चे गये। इसे सफल बनाने में श्री अजयकुमार अभाणी, श्री धनराज हितैषी थे एवं इनका बहुत अधिक अवदान था। सभा ने शताब्दी अभाणी, श्री निश्चल कांकरिया एवं श्री सुशील गेलड़ा का कार्य समिति को आंशिक रूप से सहयोग दिया। विधानसभा में इनका सराहनीय रहा। क्वीज मास्टर की भूमिका में श्रीमती कंचनदेवी आदमकर चित्र लगाने का कार्य भी शीघ्र संपादित करने हेतु प्रयत्न ने प्रशंसनीय कार्य किया। चल रहा है। कॉन्वेन्ट रोड का नामकरण विजयसिंह नाहर रोड हो आलोच्य सत्र में पर्युषण पर्वाराधना हेतु समता प्रचार संघ के दो गया है। इन पर पोस्ट स्टाम्प निकालने हेतु प्रयास भी जारी है। स्वाध्यायी श्री नानालालजी पीतिलिया एवं श्री गणेशजी गहलोत आये। दोनों ने पर्युषण पर्वाराधना बहुत अच्छे ढंग से कराई अत: स्नेह मिलन : प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी स्नेह मिलन का आयोजन ३० दिसम्बर, २००७ को काशीपुर परिसर में रखा साधुवाद के पात्र हैं। गया है। इसके संयोजक श्री फागमलजी अभाणी एवं श्री कोलकाता-हावड़ा चातुर्मास व्यवस्था समिति : इस संघ का चन्द्रप्रकाशजी डागा हैं। निर्माण व्यसन मुक्ति के प्रेरणा दाता आचार्य श्री रामलालजी ० अष्टदशी / 500 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy