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________________ माध्यमिक में ११३ प्रथम श्रेणी, ५० द्वितीय श्रेणी एवं पूरक १२०० छात्र-छात्राएँ इस स्टडी सेन्टर में अध्ययनरत हैं। अन्य परीक्षा में एक कुल १६४ छात्राएँ उत्तीर्ण हुईं। उच्चतर विषयों के लिए भी आवेदन किया हुआ है। माध्यमिक में २९४ छात्राएँ सम्मिलित हुईं जिसमें २८१ छात्राएँ कमलादेवी सोहनराज सिंघवी जैन कॉलेज ऑफ एवं ३ पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण हुई। शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम एज्युकेशन : इस बी.एड. कॉलेज का भुवनेश्वर द्वारा निरीक्षण रहा। परिवार मिलन कार्यक्रम में विद्यालय को तृतीय स्थान कर लिया गया है। शीघ्र ही मान्यता मिलने की संभावना है। प्राप्त हुआ। कराटे प्रतियोगिता में ८ छात्राएँ सम्मिलित हुई। कुसुमदेवी सुन्दरलाल दुगड़ जैन डेन्टल कॉलेज : इसी श्री जैन विद्यालय फॉर ब्वॉयज : इसकी प्रबन्ध समिति के सप्ताह पश्चिम बंगाल मेडिकल फेकल्टी द्वारा इसका निरीक्षण अध्यक्ष श्री सुन्दरलालजी दुगड़, उपाध्यक्ष श्री प्रदीपजी पटवा एवं किया गया है। अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने पर इस जमीन का मंत्री श्री ललितजी कांकरिया हैं। प्राचार्य श्री आर.ए. सिंह हैं। रजिस्ट्रेशन पश्चिम बंगाल सरकार सभा के नाम से कर देगी। सन् २००७ का परीक्षा फल निम्न प्रकार रहा श्री जैन बुक बैंक : जून, २००७ में समारोह का आयोजन माध्यमिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में ९५ छात्र द्वितीय श्रेणी में ५३ हुआ। ११० ग्रामीण विद्यालयों के १५०० छात्र-छात्राओं को एवं तृतीय श्रेणी में एक छात्र कुल १४९ छात्र सम्मिलित हुए नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की गई। पुराने १०००० सेटों एवं परिणाम शत-प्रतिशत रहा। २८ छात्रों को स्टार मार्क्स का पुनर्वितरण भी उन्हीं स्कूलों में किया या। प्रतिवर्ष ११००० प्राप्त हुआ। उच्चतर माध्यमिक परीक्षा २१४ छात्र सम्मिलित छात्र-छात्राएँ इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके संयोजक एवं हुए एवं सभी उत्तीर्ण घोषित हुए। परिणाम शत-प्रतिशत रहा। सहसंयोजकों की टीम के कठिन परिश्रम का यह परिणाम है। विद्यालय के बगल में ४ कट्ठा अर्थात् ४५०० स्क्वायर पुस्तकों के अलावा पंखे एवं कम्प्यूटर भी प्रदान किये जाते हैं। फुट जमीन का रजिस्ट्रेशन सभा के नाम से हो गया है। आगामी ग्रामीण विकास योजना : मेदिनीपुर की फुलसीटा निवारण सत्र से पूर्व तैयार होकर यह विद्यालय के काम आने लग । सेवा समिति के माध्यम से ग्रामीण अंचल की महिलाओं को जायेगी। रोजगार हेतु ६ माह के लिए बिना ब्याज लोन दिया जाता है। तारादेवी हरकचंद कांकरिया जैन कॉलेज काशीपुर : सन् । यह रकम साढे तीन लाख तक पहुंच गई है। इसका आवर्तन २००६ में माइक्रो बोटोनी एवं कम्प्यूटर साइन्स में ५२ छात्रों इसी तरह होता रहता है। ग्रामीण महिलाओं के लिए योजना बहुत ने प्रवेश लिया। सन् २००७ में इन दोनों निकायों में १३ छात्रों इन दाना निकाया म १३ छात्रों बड़ा अवलम्ब है। ने प्रवेश लिया। प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक छात्रा को पूरे श्री जैन हॉस्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर हावडा : हॉस्पीटल विश्वविद्यालय में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है, यह गौरव का विषय सुचारु रूपेण चल रहा है। डायलिसिस सेन्टर के रूप में है। इसके अध्यक्ष श्री बालचंदजी भूरा, उपाध्यक्ष श्री रिधकरणजी कलकत्ता एवं हावड़ा में इसे द्वितीय स्थान प्राप्त है। गरीब रोगियों बोथरा, मंत्री श्री सरदारमलजी कांकरिया एवं प्राचार्य श्री को विशेष छूट देने के कारण इसमें टूटत काफी अधिक है। इस ओमप्रकाश सिंह हैं। आगामी वर्ष से यहाँ बी.कॉम का कोर्स घाटापूर्ति के लिए एक योजना ५०००० रुपये आजीवन एक प्रारम्भ होने की पूरी संभावना है। मिती एवं ५००० रु. की वार्षिक मिती प्रारम्भ की गई। इसे श्री हरकचंद कांकरिया जैन विद्यालय-जगतदल : अभी कम से कम ५ वर्षों तक चालू रखने का आग्रह है। इसका तक पश्चिम बंग सरकार से इसे कक्षा ८ तक की मान्यता प्राप्त । प्रभाव अच्छा रहा एवं लगभग २०० से ऊपर मितियाँ प्राप्त हो है। १०वीं कक्षा के छात्र अन्य विद्यालय से परीक्षा देते हैं। गई हैं। सेंट जेवियर कॉलेज में आयोजित 'सूडूको' प्रतियोगिता में यहाँ पर कम्पनी डिपार्टमेन्ट के स्थानकवासी डायरेक्टर इस विद्यालय के छात्र ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर गौरव में वृद्धि की योजना में पहले से ही ५००० रुपये प्रतिमाह देते आ रहे हैं। यह हमारे लिए एक आदर्श एवं प्रेरणास्पद है। ईग्नु स्टडी सेन्टर हावड़ा : इसके संयोजक श्री राजकुमारजी हॉस्पीटल के पास वाली अढाई कट्ठा जमीन पर निर्माण डागा एवं सह-संयोजक श्री ललित कांकरिया हैं। को-ऑर्डिनेटर कार्य पूरा हो गया है। इसमें भीखमचंद भंसाली नर्सिंग स्कूल के डॉ. गोपाल दूबे हैं। सन् २००६-०७ में इसके विभिन्न कोर्सेज लिए बोर्ड का निरीक्षण भी हो गया है। जनवरी माह में यह कार्य में ८१३ छात्रों ने प्रवेश लिया है। सन् २००७-०८ में विभिन्न शुरू होने की संभावना है। कोर्सेज में ५०० छात्रों ने प्रवेश प्राप्त किया है। लगभग ० अष्टदशी / 490 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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