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सद्भावना
पद्मश्री सुमतिबाई शहा, शोलापुर पण्डित कैलाशचन्द्र शास्त्री जीको हमारो शुभकामना। उनसे हमारा बहुत दिनोंसे गहरा सम्बन्ध है । आपने कई वर्षों से जैन विद्वानों की वर्तमान पीढ़ीका निर्माण किया। वे जैन आगम साहित्यके सम्पादन एवं निर्माण कार्यमें संलग्न रहे हैं तथा जैन विद्याओंके नये विद्वानोंको जागरणका संदेश दे रहे हैं। आपको दीर्घायु प्राप्त होवे, यही सद्भावना है।
वन्दन, शत अभिनन्दन
हजारीलाल काका, सकरार, झाँसी जिनके स्वागत को उत्सुक नर लेकर रोली चन्दन, पण्डित श्री कैलाशचन्द का वन्दन, शत अभिनन्दन
जो भी लिखा अकाट्य, आपको चलो लेखनी निर्भय मनमें सेवा भाव, भावना में बसता सर्वोदय, तभी देशहित किया आपने, सत्साहित्य समर्पण, पण्डित श्री कैलाशचन्द का, वन्दन, शत अभिनन्दन
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जैन जाति की सेवामें, जीवन सम्पूर्ण बिताया ज्ञान दान दे कई, पण्डितों का निर्माण कराया, इसीलिये पण्डित समूह भी करता इनका वन्दन, पण्डितश्री कैलाशचन्द का वन्दन, शत अभिनन्दन
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जब तक चमक रहे हैं नभमें, सूरज चाँद सितारे, हरी भरी धरती के जब तक सागर पाँव पसारे, तब तक चमके कीर्ति आपकी, कहता है कवि का मन, पण्डित श्री कैलाशचन्द का, वन्दन, शत अभिनन्दन ॥
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