SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 270
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्तवन -सुमन्त भद्र नादविन्दुधारी उद्धारक, मणिधर प्रजापिता योगेश्वर । कुशल-क्षेम के कल्पवृक्ष ऋतु, आर्ष अमर्ष हृष्ट परमेश्वर ।। विद्याधर प्रज्ञात समाधी, गणनायक गोप्ता माध्यन्दन । अपरामष्ट क्लेशकर्मजित्, अमर देशभूषण अभिनन्दन !! विमलकीर्ति श्रमणेन्दु जितेन्द्रिय, अमित ओज प्रज्ञामय नन्दन । वन्दनीय सिद्धान्तसिद्ध श्रुत, प्राचेतस् उद्बोधन स्यन्दन ।। दर्शनज्ञानचरित्रपयोनिधि, उर्ध्वग सुमन सुशील सुवन्दन । संघरत्न निःसंग तपोनिधि, यतिवर देशभूषण अभिनन्दन !! बहश्रुत व्रती शीलमणि शीतल, त्रिविधतापहर सुमतिशृङ्गधर । परम अकिञ्चन दिव्य दिगम्बर, प्रीतिपुण्य प्रतिमाधर शंकर ॥ प्रखर प्रवीर्य प्रवीण प्रशीतक, मलयमेरु रत्नाकर चन्दन । श्रद्धापुञ्ज विनयमहिमामय, त्राता देशभूषण अभिनन्दन !! पार्थिव अखिल कषायविजेता, निमिषाविज्ञ करुणार्णव द्रष्टा ! आशुतोष वरदायक कल्पी , ज्ञाता दाता संवत स्रष्टा ।। शौचक्षमा सन्तोषत्यागधन, शान्त दान्त निष्ठामय वन्दन । आतिभञ्ज जीवन पीयूषघन, ईश देशभूषण अभिनन्दन !! करपात्री पदचर श्रद्धाभुक्, दिग्गज ब्रह्मचित्त अविकारी। वातरशन वातायन वैभव, अविचल गतिमय अघमलहारी ॥ तीर्थङ्करद्युति दिव्य प्रकीर्णक, क्षितितलभूषण दीक्षानन्दन । दिङ्चर हंस विवेकी वाग्भव, श्रीश देशभूषण अभिनन्दन !! चरम तितिक्षु भिक्षु भावमय, सार्थक समय सुचारु प्रवाचक । पारमिता के सुफल धाम सित, सुष्ठ सुधीर वेद्य आराधक ॥ ज्योतिपुरुष कालज्ञ कामजित, तपःपूत शत-शत अभिवन्दन । मदुल मनोहर जिनपथसंज्ञक, आप्त देशभूषण अभिनन्दन !! ऋत चित के धारक प्रतिपादक, चिरप्रबद्ध प्रतिमान शरीरी। योगनिष्ठ योगाग्निदीप्तिधर, सिद्धासन ऋषि सेतु अभीरी॥ आर्जवशील अजातशत्रु विभु, महामनस्वी जनमननन्दन । पुरुषसिंह वृषभानु अजरमति, आर्य देशभूषण अभिनन्दन !! धन्य सघ, धन्या तव जननी, धन्य काल, धन्या यह धरणी। श्रावक धन्य, धन्य सम्भावक, धन्य भाग्य, धन्या जनसरणी ।। धन्य भारती, धन्य भरतभू, धरा बनी यह सुर-वन नन्दन । पा तुम-सा आचार्य मनीषो, शत-शत वन्दन, शत अभिनन्दन !! 0 आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन गंध Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012045
Book TitleDeshbhushanji Aacharya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR C Gupta
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year1987
Total Pages1766
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size56 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy