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ग्रहों का गणित :काकासा का फलित
पं० जोशी प्यारेलाल शर्मा ज्योतिष कार्यालय, राणावास (मारवाड़)
राणावास के शिरोमणी, महान त्यागी, धर्मप्रेमी, काका साहब केसरीमलजी सुराणा का जन्म संवत् १९६६ शाके १८३१ प्रवर्त्तमाने फाल्गुन मासे कृष्ण पक्षे तिथौ ७ वार गुरी ज्येष्ठा नक्षत्र मकर लग्ने तद् अनुसार तारीख ४ मार्च सन् १९१० के रोज ब्रह्ममुहूर्त रात्री यामे प्रातःकाल ४ बजे २४ मिनट पर बुध की गज दशा के अन्दर हुआ।
जन्म दिन सप्तमी माना जायेगा, क्योंकि सूर्य उदय के बाद तिथि का परिवर्तन होता है। तारीख रात्रि के १२ बजे बाद बदलती है।
काका साहब का जन्म चक्र व चलित चक्र इस प्रकार है
।
चलित कुण्डलि |
जन्म कुण्डलि
६
दशा विंशो बुध बुध
म.११बु /च० भक्त भाग्य.
o
१
फाल्गुन मास का जन्म परोपकारी कुशलो बयालुर्बलान्वितः कोमल-कायशाली।
विलासिनी-केलि-विधानशीलो, यः फाल्गुने फल्गुवचोः विलासः ॥ अर्थात् फाल्गुन मास के अन्दर जन्म लेने वाले व्यक्ति में प्रायः परोपकार, दयालुता, कोमल कठोर शब्द बोलने की प्रवृत्ति रहती है।
सप्तमी को ब्रह्म मुहूर्त में जन्म ज्ञानी गुणको हि विशालनेत्रः सत्पात्र-वे वार्चनचित्तवृत्तिः।
कन्या-प्रजो वै परवित्तहर्ता, स्यात्सप्तमी मनुजोऽरिहंता ॥ अर्थात् सप्तमी ब्रह्ममुहूर्त में जन्म लेने वाला व्यक्ति ज्ञानी, गुणवान्, जनप्रिय, धर्म का पुजारी, कन्या (बालिका), सन्तान (बालक) इनको पनपाने वाला, पराया धन अर्जित करने वाला, शव ओं पर विजय प्राप्त करता है। पराया धन अजित करना यानी जनता से चन्दा एकत्रित करना यह योग इसी में घटित होता है।
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