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सन्देश
शुभकामना
३५ मोहनलाल कठोतिया
अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग
नई दिल्ली
दि० ३१-१०.८० कर्मयोगी केसरीमलजी सुराणा का अभिनन्दन एक ऐसे व्यक्तित्व का अभिनन्दन है जिन्होंने अपना समस्त जीवन न सिर्फ समाज को समर्पित कर दिया है, वरन अपनी सेवा, साधना और त्याग से शिक्षा का एक ऐसा उदाहरण उपस्थित किया है, जो समाज के नवनिर्माण एवं चारित्रिक विकास के लिए अनुकरणीय है।
सुराणाजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व में प्राचीन युग के उन ऋषि-मुनियों की झलक है,, जो अपने लिए नहीं दूसरों के लिये जीते हैं। उनका जीवन एक ऐसा दर्पण है, जिसमें कर्म और धर्म दोनों के समान दर्शन होते हैं। धार्मिक वृत्तियां उनके स्वभाव में कूट-कूट कर भरी हुई है। चरित्र उनका धवल है। कर्म से वे ओत-प्रोत है। इसलिए वे अपने लक्ष्य में महती भावना एवं आकांक्षा लिये हुए महान है।
ऐसे त्यागशील एवं कर्मवीर व्यक्ति का अभिनन्दन आध्यात्मिक एवं नैतिक समाज-संरचना की दिशा में एक गुरुतर एवं महत्तर कदम हैं । जिसके लिए मेरी समस्त शुभकामनाएँ एवं वधाई स्वीकार करें। मेरी समस्त कामनाएँ आपके व समिति के साथ हैं।
-मोहनलाल कठोतिया
३६ पारसदास जैन जनरल सेक्रेट्री, संयुक्त सदाचार समिति,
केन्द्रीय कार्यालय, देहली प्रदेश
२२, सरदार पटेल माग _ नई दिल्ली
- दि० १६-१०-८० यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि मानव हितकारी संघ, राणावास ने संघ के कर्मठ अवैतनिक मन्त्री श्री केसरीमलजी सुराणा का अभिनन्दन करने का निश्चय किया है। सुराणाजी का अभिनन्दन समाज समर्पित व्यक्तित्व का अभिनन्दन है और संघ इस सुनिर्णय के लिये बधाई का पात्र है। श्री सुराणाजी के नेतृत्व में राणावास सुशिक्षा तथा चरित्र-निर्माण का केन्द्र बन गया है । और केन्द्र द्वारा तैयार किये गये हजारों व्यक्ति देश के विभिन्न भागों में महत्वपूर्ण स्थानों पर आसीन हैं तथा समाज सेवा के कार्य में रत हैं। समारोह की सफलता तथा सुराणाजी के दीर्घ जीवन की कामना करते हुए।
-पारसदास जैन
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