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सन्देश
शुभकामना
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राजेन्द्र बंद संपादक-सिलीगुडी समाचार
सिलीगुड़ी
दि० १३-२-८० श्री केसरीमलजी साहब कर्मठ समाज-सेवी, प्रेरणा के स्रोत, क्रान्तिकारी सुधारक और अनुकरणीय युगपुरुष हैं, उनके जीवन प्रसंगों को एक अभिनन्दन ग्रन्थ में संदर्भित करने का कार्य निश्चय ही प्रसंशीय एवं अनुकरणीय है।
मनुष्य-मात्र के प्रति प्यार, दयालुता, उदारता श्री सुराणाजी के जन्मजात गुण हैं। उन्होंने राणावास की उर्वर भूमि पर अपने क्रान्तिकारी विचारों का बीजारोपण करके समाज एवं राष्ट्र को एक नई दिशा दी है।
उनकी महान शिक्षा है कि धर्म कर्म-कांडों एवं परम्पराओं में नहीं, बल्कि मनुष्य मात्र की सेवा में लगे रहने में है। ऐसे महान व्यक्तित्व को मेरे सादर प्रणाम और उनके कार्यों के प्रति मेरी कोटिशः शुभकामनाएँ।
-राजेन्द्र बैद
डॉ० लालताप्रसाद सक्सेना एम. ए. पी. एच. डी.
प्रोफेसर, हिन्दी विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
दिनांक १५-१२-२६ कर्मयोगी श्रीयुत केसरीमलजी सुराणा की महत्ता सर्वविदित है। उनकी निस्पृह समाज-सेवा अभिनन्दनीय है, और उनका त्याग, विराग और देशानुराग अनुकरणीय । उनके व्यक्तित्व में धार्मिकता, समाज-निष्ठा और सेवाशीलता की त्रिवेणी का पावन संगम है। जिसमें अवगाहन करके व्यक्ति निष्कलुष हो जाता है। शिक्षा-जगत में उनके प्रयासों से अनेक संस्थाओं का आविर्भाव हुआ, और उनके सम्पर्क में आकर उनकी आध्यात्मिक ज्ञान-गरिमा से कण-कण आलोकित हो उठा । ऐसे महान व्यक्ति का अभिनन्दन करके आप स्वयं ही गौरवान्वित होंगे। मेरी हार्दिक मंगल-कामनाएँ एवं शतशः बधाइयाँ ।
-डॉ. लालताप्रसाद सक्सेना
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रतनसिंह शांडिल्य संगठन मंत्री
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति कार्यालय-कन्झावला दिल्ली
दिनांक २१-१२-८० कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा की त्यागमय तथा संयमी जाज्वल्यमान जीवन हमारे युवा वर्ग के लिये सदा के लिये प्रेरणा का स्रोत रहेगा। आपने स्वयं के लिये उपलब्ध तथा उपार्जित समस्त सांसारिक सुखों को समाज को समर्पित कर भावी पीढ़ी के लिये अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे व्यक्ति ही समाज को एक नया वांछित मोड़ दे सकते हैं । वास्तव में श्री सुराणाजी का अभिनन्दन त्याग तथा समाज सेवा का अभिनन्दन है। कृपया इस शुभ कार्य के लिये मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
-रतनसिंह शाण्डिल्य
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