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सन्देश
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शुभकामना
शंकर सदन आदिनाथ मार्ग
जयपुर-४
दिनांक-२२-३-८० श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ द्वारा राणावास में जो शैक्षणिक कार्य गत तीस वर्षों में निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसित किया जा रहा है उसको जानकर अत्यन्त प्रसन्नता होती है। सभी जाति और धर्म वालों के लिए यहाँ की संस्थाएँ द्वार खुले रखती हैं। और शहरी वातावरण से दूर अरावली पर्वतमाला की मनोरम उपत्यका में संस्था के विशाल भवन एवं विद्वान शिक्षकगण बड़ी उपयोगी भूमिका शिक्षा के क्षेत्र में निभा रहे हैं।
इस शैक्षणिक समाज सेवा के लिए अपने को न्यौछावर कर देने वाले त्यागमूर्ति एवं कर्मठ समाजसेवी सुराणा साहब केसरीमलजी को मैं हादिक बधाई देता हूँ और उनके सुस्वास्थ्य, दीर्य एवं उपयोगी जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूँ।
–लक्ष्मीलाल जोशी
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जगन्नाथसिंह मेहता,
४-चेतक मार्ग, जयपुर-४
१७ दिसम्बर, १९७६ यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा का शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अभूतपूर्व सेवाओं के लिए अभिनन्दन किया जा रहा है। मैंने पूर्व में ही अपने विचार व लेख आपको भेज दिये थे। आशा है आपको मिल गये होंगे।
श्री सुराणा जैसे त्यागी, तपस्वी, साधुपुरुष, कर्मठ व समाज-समर्पित व्यक्ति विरले ही मिलते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने जो ठोस सेवा की है, वह चिरस्मरणीय रहेगी और अन्य व्यक्तियों के लिए सदैव अनुकरणीय उदाहरण बन कर मार्ग प्रशस्त करती रहेगी। ऐसे महापुरुष का जितना अभिनन्दन किया जाय उतना ही कम है। मैं श्री सुराणाजी की दीर्घायु एवं सुस्वास्थ्य की कामना करते हुए अपनी शुभकामनाएँ अर्पित करता हूँ ताकि वे समाज को और अधिक समय तक सेवा करते रहे ।
-जगन्नासिंह मेहता
एल. पी. वैश
को-आर्डिनेटर, महाविद्यालय विकास परिषद्,
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर । मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नतः है कि श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ मानव हितकारी संघ द्वारा कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित किया जा रहा है । स्वनामधन्य श्री केसरीमल जी सुराणा देश के उन इने-गिने कर्मठ कर्मयोगी परोपकार में सदा लीन पुरुषों में है जो अपना जीवन ही नहीं, जीवन का सर्वस्व भी परोपकार में लगा देते हैं ।
मुझे श्री जैन श्वेताम्बर महाविद्यालय, राणावास देखने का शुभावसर मिला। जिस सात्विक, नैतिक और सांस्कृतिक स्तर पर संस्था का संचालन किया जाता है वह देश की अन्य संस्थाओं के लिए अनुकरणीय है और यह सब कर्मठयोगी श्री सुराणाजी की अभूतपूर्व देन है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि श्री सुराणाजी का जीवन शिक्षा तथा समाजप्रेमियों के लिए अनुकरणीय उदाहरण सिद्ध होगा।
-एल. पी. वैश
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