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सन्देश
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शुभकामना
योजना मंत्री तथा उपाध्यक्ष आज हमारे सामने उच्च माध्यमिक एवं महाविद्यालय
योजना आयोग एवं अखिल भारतीय महिला शिक्षण संघ के रूप में कार्य नई दिल्ली-११०००१
करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों,
ढोंग व बाह्याडम्बरों का हमेशा विरोध किया है और मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि श्री जैन अस्पृश्यता, पर्दा और दहेज आदि प्रथाओं को समाप्त श्वेताम्बर तेरापन्थी मानव हितकारी संघ, राणावास करने के लिए सदैव कटिबद्ध रहे हैं और क्रान्तिकारी कदम पाली-मारवाड़ के अवैतनिक मंत्री श्री केसरीमलजी सुराणा उठाकर अपने साहस का परिचय दिया है। उनका साधनाके व्यक्तित्व से संदर्भित एक अभिनन्दन-ग्रन्थ तनिमित्त मय जीवन उनके सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों के लिए गठित समिति द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है। प्रेरणादायक सिद्ध हुआ है। _श्री सुराणा जी अपनी ३५ वर्ष की आयु में समाज- मैं समिति के इस सद्प्रयास की सफलता की कामना सेवा में जुट गये और बालकों के चारित्रिक-विकास और करता हूँ और आशा करता हूँ कि यह अभिनन्दन-ग्रन्थ महिला समाज के उत्थान को प्राथमिक आवश्यकता हमारी वर्तमान व भावी पीढ़ियों के लिए उपयोगी एवं मानते हुए उन्होंने अपने अथक व सतत प्रयासों द्वारा प्रेरणादायक सिद्ध होगा। प्राथमिक विद्यालय एवं नारी संस्था की स्थापना की जो
-शंकरराव चव्हाण
पैट्रोलियम, रसायन और उर्वरक मंत्री
भारत सरकार नई दिल्ली-११०००१
५ नबम्बर, १९८१
आपका पत्र दिनांक २५ अक्टूबर, १९८१ का प्राप्त हुआ, धन्यवाद । यह जानकर प्रसन्नता हुई कि कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा का अभिनन्दन किया जा रहा है तथा उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट किया जायेगा। श्री केसरीमलजी सुराणा जैसे क्रियाशील, संघर्षशील एवं परिश्रमी व्यक्ति का जीवन भावी पीढ़ी के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है। मैं अभिनन्दन ग्रन्थ एवं आपके इस प्रयास की पूर्ण सफलता की कामना करता हूँ।
-प्रकाशचन्द्र सेठी
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