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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
(छ) चारित्र-आत्माओं का स्वागत समारोह-प्रत्येक वर्ष चातुर्मास हेतु चारित्र-आत्माओं का राणावास में शुभ आगमन होता है। छात्रों द्वारा उनका स्वागत किया जाता है और वे उनके चरणों में बैठकर अध्यात्म का आनन्द प्राप्त करते हैं।
(ज) संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस समारोह-महाविद्यालय में प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस का आयोजन किया जाता है तथा विश्व संस्था के उद्देश्य एवं उपलब्धियों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कर छात्रों को विश्व शांति हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।
(झ) १५ अगस्त, २६ जनवरी तथा २ अक्टूबर (गांधी जयंती) पर भी विशेष समारोह व विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
(ट) चारित्र आत्माओं का विदाई समारोह-चातुर्मास की समाप्ति के पश्चात् चारित्र-आत्माओं को भावभीनी विदाई देने के लिए इस समारोह का आयोजन किया जाता है।
() वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह–प्रतिवर्ष महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। वर्ष के दौरान विभिन्न शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में वरिष्ठता प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार से विभूषित किया जाता है। महाविद्यालय की आज तक की परम्परा के अनुसार लगभग प्रत्येक विद्यार्थी को किसी न किसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के कारण अवश्य पुरस्कृत किया जाता है ।
(ड) विदाई समारोह-वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ही अन्तिम वर्ष कला एवं वाणिज्य के छात्रों को विदाई समारोह का आयोजन किया जाता है। यह समारोह ऋषिकुल परम्परा के अनुसार अत्यन्त पावन वातावरण में मनाया जाता है। छात्रों को भावी परीक्षा के लिए शुभकामनाएँ और जीवन में सफलता के लिए आशीर्वाद के प्रतीकस्वरूप मांगलिक गुड़ दिया जाता है तथा तिलक लगाकर विदा दी जाती है। विदा लेने वाले छात्र उपस्थित गुरुजनों एवं सम्मानीय अतिथियों का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
(ढ) दीक्षान्त समारोह-विदाई समारोह के साथ सत्र १९८०-८१ से इस समारोह का भी शुभारम्भ किया गया। इस परीक्षा केन्द्र से सन् १९७८ में सम्पन्न हुई बी० ए० एवं बी० कॉम की विश्वविद्यालयी परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को विश्वविद्यालय से प्राप्त उपाधियाँ इस समारोह के अन्तर्गत प्रदान की गई। इस समारोह का स्तर व रूपरेखा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दीक्षान्त समारोह के अनुरूष रखी गई । भविष्य में इसी प्रकार प्रतिवर्ष इसका आयोजन किया जाएगा।
(ण) माननीय मंत्री जी को अर्थ संग्रह यात्रा के प्रति मंगल-कामना समारोह-प्रत्येक संस्था के सुचारु संचालन में उसकी सुदृढ़ आर्थिक स्थिति विशेष महत्त्व रखती है। संघ एवं महाविद्यालय के मानद मन्त्री महोदय माननीय केसरीमलजी सुराणा इसी दृष्टिकोण से प्रतिवर्ष अर्थ संग्रह हेतु यात्रा पर पधारते रहे हैं । सन् १९८० से पूर्व इस प्रकार की यात्राओं के सन्दर्भ में उनके प्रति मंगल-कामनाएँ व्यक्त करने हेतु महाविद्यालय एक समारोह का आयोजन करता रहा है और एक थैली उनके श्री चरणों में भेंट करता रहा है जिसका विवरण इस प्रकार है
१. दिनांक ८-१२-७६ -रु०११५१-०० भेंट २. दिनांक १८-१२-७७-रु० ११५१-०० भेंट ३. दिनांक १६-१२-७८-रु० ११५१-०० भेट ४. सन् १९७९-८० से माननीय मन्त्री जी ने अर्थ संग्रह यात्रा हेतु बाहर न जाने का संकल्प ले लिया है।
(त) दिनांक ३१-१-१९८० की माननीय श्रीयुत जब्बरमलजी भण्डारी भूतपूर्व अध्यक्ष श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ की उल्लेखनीय सेवाओं को दृष्टि में रखते हुए उनके सम्मान में उन्हें भेंट की गई थैली में महाविद्यालय परिवार की ओर से ५०१ रु० प्रदान किये गये।
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