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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
(७) श्री धनराजजी आच्छा (राणावास) (८) श्री गणेशमलजी बरलोटा (राणावास) (8) श्री पुखराजजी कटारिया (राणावास) (१०) श्री हस्तीमलजी आच्छा (राणावास) (११) श्री केसरीमलजी सुराणा (राणावास) (१२) श्री मिश्रीमलजी सुराणा (राणावास) (१३) श्री दलीचन्दजी सुराणा (राणादास) (१४) श्री देवेन्द्रकुमारजी कर्णावट (राजनगर) (१५) श्री मोतीलालजी रांका (बगड़ी) (१६) श्री चुनीलालजी बरलोटा (राणावास) (१७) श्री खेमराजजी बरलोटा (राणावास) (१८) श्री लालचन्दजी सुराणा (राणावास) (१९) श्री रामचन्दजी कटारिया (राणावास) (२०) श्री जीवराजजी भण्डारी (राणावास) (२१) श्री दलीचन्दजी भण्डारी (राणावास) बैठक में निम्न प्रस्ताव स्वीकार किये गये
(अ) सर्वसम्मति से मारवाड़ राणावास स्टेशन पर 'श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी शिक्षण संघ' की स्थापना करने का निर्णय लिया गया और उसके निम्न उद्देश्य निर्धारित किये गये
(१) तेरापंथ की मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए विद्यालय तथा छात्रावास खोलकर उनका संचालन करना ।
(२) तेरापंथ व अन्य समाज के छात्र-छात्राओं को नैतिक, धार्मिक, सांसारिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक और शारीरिक शिक्षा देना।
(३) जैन संस्कृति और परम्परा के अनुसार पुस्तकालय तथा वाचनालय का संचालन करना तथा पत्रपत्रिकाएँ और बुलेटीन को प्रकाशित करना।
(आ) इस बैठक में श्री दलीचन्दजी सुराणा ने प्रस्ताव रखा कि श्री मिश्रीमलजी सुराणा, श्री बस्तीमलजी छाजेड़ और श्री चौथमलजी कटारिया आदि सज्जनों के प्रयत्नों से जो श्री सुमति शिक्षा सदन विद्यालय और छात्रालय संचालित हो रहे हैं, उन्हें अपने अधिकार में लिया जाय और आगे संचालित किया जाय।
श्री जसवन्तमलजी सेठिया ने शिक्षा की उपयोगिता पर प्रकाश डालकर प्रस्ताव का समर्थन किया। फलस्वरूप सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि विद्यालय तथा छात्रालय की सारी व्यवस्था तथा सम्पत्ति को अपने अधिकार में लेकर उनका विधिवत् संचालन किया जावे ।
(इ) चालू सत्र के लिए निम्न प्रकार से पदाधिकारियों का चयन किया गया(१) अध्यक्ष श्री छोगमलजी चोपड़ा, गंगाशहर (२) मन्त्री श्री गणेशमलजी दक, ब्यावर (३) उपमन्त्री श्री मोतीलालजी रांका, बगड़ी
श्री मिश्रीमलजी सुराणा, राणावास (५) ट्रस्टी श्री जसवन्तमलजी सेठिया, बलून्दा (६) कोषाध्यक्ष श्री जुगराजजी गादिया, रामसिंह का गुड़ा (७) सदस्य श्री डूंगरमलजी सांखला, ब्यावर आदि ३१ सदस्य ।
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