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'कांठा' का भौगोलिक और सांस्कृतिक परिवेश
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इस प्रकार यह तेरापंथ धर्म की प्रमुख तीर्थ-भूमि है। स्थानकवासी सम्प्रदाय के आचार्य रुघनाथजी की परम्परा का भी यहाँ प्रभाव है । मूर्तिपूजकों की संख्या कम है । अधिकतर खरतरगच्छ व तपागच्छ के अनुयायी हैं। ऋषभदेव, शान्तिनाथ, पारसनाथ, महावीर स्वामी के मन्दिर भी गांवों में मिलते हैं। मुसलमान धर्म के अनुयायी भी यहां निवास करते हैं।
कांठा क्षेत्र की इस पवित्र भूमि में कुछ तीर्थस्थान भी हैं जो इस क्षेत्र की धार्मिक व सांस्कृतिक रुचिसम्पन्नता को स्पष्ट करते हैं । ऐसे तीर्थस्थानों में निम्न मुख्य हैं
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१. गोरमघाट-यहाँ ऊँची पहाड़ी पर गोरमनाथ का मन्दिर है। २. जोगमण्डी-शिवमन्दिर, पानी का झरना व गुफा है। ३. पर्वतसिंहजी की धूणी-फुलाद से दो मील उत्तर-पूर्व में बासनी निवासी पर्वतसिंहजी का आश्रम है। ४. काजलवास-नाथों की समाधियाँ, शिवमन्दिर, पानी की बहुतायत है । ५. सारण-निर्मलापीर की छत्री, गोरखनाथी साधुओं का गढ़ है।। ६. तीतलेश्वर महादेव-फुलाद से कामलीघाट के रास्ते में काली घाटी की तलहटी में शिवजी का मन्दिर है। ७. राकाणा यक्ष-राकाणा गाँव में अर्जुनसिंह पडिहार युद्ध में काम आया और वह यक्ष के रूप में प्रकट हआ,
उसका स्मृतितीर्थ है । ८. रामसिंह का गुड़ा-भूत बावजी का स्थान, पूजा व बोलमा के लिये प्रसिद्ध है। है. कंटालिया-तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्ष की जन्मस्थली है। धारेश्वर महादेव का एक रमणीय
स्थल भी है। १०. बगड़ी-आचार्य भिक्ष की दीक्षा व अभिनिष्क्रमण भूमि है। ११. सिरियारी-आचार्य भिक्ष की निर्वाणस्थली है। १२. वायण-भेरूजी का मन्दिर वचनसिद्धि के लिए प्रसिद्ध है। १३. राणावास-विद्याभूमि के रूप में प्रसिद्ध कांठा क्षेत्र का सबसे बड़ा शिक्षाकेन्द्र है ।
ये समस्त तीर्थस्थान कांठा क्षेत्र की प्राकृतिक सुषमा से भी समृद्ध हैं तथा पिकनिक, भ्रमण एवं यात्रा के लिये श्रेष्ठ हैं।
कांठा क्षेत्र में विभिन्न अवसरों पर मेले भी आयोजित होते हैं। जहाँ पर इस क्षेत्र के निवासी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं । इन मेलों में व्यापार, वाणिज्य, मनोरंजन आदि के लिये अनेक तरह की दुकानें लगती हैं। प्रसिद्ध मेलों का विवरण इस प्रकार हैगाँव मेले का नाम
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१. राणावास स्टेशन २. कंटालिया ३. राकाणा ४. आऊआ ५. धनला ६. जोजावर ७. मेवी ८. केसरसिंह का गुड़ा ६. कंटालिया १०. प्रेमसिंह का गुड़ा
हनुमानजी का मेला शीतला माता का मेला यक्ष का मेला गणगौर का मेला महादेव का मेला महादेव का मेला महादेव का मेला गोरखनाथ का मेला नाथजी का मेला रामदेव का मेला
चैत्र विद ५ चंत्र विद ७ चैत्र विद चैत्र सुद १० चैत्र पूर्णिमा शिवरात्रि चैत्र पूर्णिमा वैशाख विद ७ भादवा सुद २ भादवा सुद ११
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